अवकाश में एक सप्ताह व अध्ययन पूर्ण करने के बाद एक वर्ष देश सेवा में दें विद्यार्थी
Udaipur. युवा देश की सम्पत्ति हैं। युवा सक्षम हैं। युवा अमृत की संतान हैं। युवा मृत्यु पर विजय पा सकते हैं। युवा संकल्प ले हमें देश का भाग्य बदलना है। उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सम्पर्क प्रमुख राम माधव ने स्वामी विवेकानन्द सार्द्धशती समारोह आयोजन समिति, उदयपुर द्वारा युवा शक्ति सम्मेलन ’सृजन’ विशय पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि 45 वर्ष की आयु का मापदण्ड लेते है तो 70 प्रतिशत जनसंख्या युवा है। लेकिन आज 18 वर्ष का युवा अपना परिचय 18 वर्ष के बूढ़े के रूप में कराता है। ’आई एम एट्टिन ईयर ओल्ड’। हमें अंग्रेजों ने यही सिखाया। इस कारण युवा स्वयं को भ्रम वष षक्ति सम्पन्न नहीं समझता। युवाओं को 18 वर्ष का युवा हूं, यह परिचय बताना चाहिए। स्वामी विवेकानन्द 1897 में अमेरिका से भारत लौटे उनकी महत्वपूर्ण बात यह रही कि देश में जगह-जगह उनके भाषण हुए उन्होंने कहा ’-मेरे देश के युवाओं मेरी सारी आशाएं आप हो’
उन्होंने आगे कहा कि आज अमेरिका में एक प्रतियोगिता होती है। कठिन स्पेलिंग याद करने की। उसमें भारतीय आगे हैं। भारतीय युवाओं का आई क्यू सबसे तेज है। भारत का युवा बुद्धिमान है। भारतीय उच्च पदों पर है। नासा में वैज्ञानिक दूसरे पादान पर है। भारतीय अनेक देषों में अपनी क्षमता का परिचय दे रहे है। भारतीय वैज्ञानिकों ने परम कम्प्यूटर बनाकर कर इस देष की क्षमता को साबित किया है। माईक्रोसॉफ्ट कम्पनी का मालिक भारत आया उससे पत्रकारों ने पूछा यहां क्यू आएं उन्होंने कहा कि मेरी कम्पनी की प्रतिष्ठाे भारतीय वैज्ञानिकों के कारण है। मैं उनका आभार प्रदर्शित करने भारत आया हूं।
60-70 प्रतिशत युवा होने बावजूद आज हमारे देश का एक दृश्यप दूसरा भी है। सरकारी आंकड़ा है कि 30 करोड़ लोग भूखे सोते है। सर्वाधिक अंधे, तपेदिक से पीड़ित, गरीब लोग भारत में है। इस दृश्यं को बदलने के लिए समाज एवं देश सेवा हेतु ह्दय चाहिए। उन्होंने बताया कि विवेकानन्द ने कहा निर्धन को देखकर आंसू आते है या नहीं। निर्धन को देखकर कर नींद उड़ती है या नहीं। युवाओं को केरियर, शादी, बच्चे, घर, गाड़ी जैसी बातों को छोड़कर देश सेवा हेतु भिन्न सोचना चाहिए। गांधी जी ने बेरिस्टर बनकर कहा गरीबों हेतु कार्य करूंगा। उन्हें समाज ने बाहर किया। गांधीजी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द को पढ़कर मेरी षक्ति 1000 गुणा बढ़ गई। आज युवाओं को पढ़ाई कर भिन्न सोचना चाहिए। देष का भला हो सके ऐसे कार्य करना। अध्यययन के दौरान अवकाष के दिनों में 1 सप्ताह व अध्ययन पूर्ण होने के बाद 1 वर्ष देश सेवा के लिए देना। देश के युवाओं में अनन्त शक्ति है।
अध्यक्षता अंकित अग्रवाल, निदेशक गीतांजली विष्वविद्यालय ने की। मुख्य अतिथि डॉ. भगवती प्रसाद शर्मा, कुलपति पेसिफिक विश्वजविद्यालय थे। आरम्भ में संस्कार भारती बांसवाड़ा के कलाकारों ने देशभक्ति गीतों का अभूतपूर्ण प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में 2700 युवाओं ने भाग लिया। आभार प्रदर्शन महानगर संयोजक कपिल चित्तौड़ा ने दिया। संचालन युवा आयाम प्रमुख डॉ. कौशल शर्मा ने किया। कार्यक्रम में संगोष्ठीप का आयोजन रखा गया। जिसमें युवा निर्माण में शिक्षकों की भूमिका’ विषयक चिंतन किया गया। संगोश्ठी में 150 शिक्षकों एवं शिक्षा संचालकों ने विचार व्यक्त किए।