पुरस्कार पाकर हर्षाए प्रतिभागी
महावीर एकेडमी में जिलास्तरीय विज्ञान, गणित मेले का समापन
udaipur. राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि प्रतिभाएं तो बहुत हैं लेकिन जरूरत है उन्हें निखारने की। बच्चों को प्रेरणा देने के लिए ऐसे सफल मेलों का आयोजन नितांत आवश्यक है।
वे शनिवार को महावीर एकेडमी में जिलास्तरीय विज्ञान, गणित, पर्यावरण प्रदर्शनी एवं जनसंख्या शिक्षा मेले के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चों को इतनी प्रेरणा मिल जाए, वह उसके लिए बहुत है। सरकारी स्कूल क्योंकि विपरीत परिस्थितियों में भी प्रतिभा निकलकर आती है तो वह सराहनीय है। अभावों में भी अच्छा शिक्षा की व्यवस्था की जा सकती है। इसके लिए नगर निगम की महापौर बधाई की पात्र हैं जिन्होंने निगम की ओर से 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को पुरस्कृत करने का निर्णय किया है।
कटारिया ने कहा कि आज का युग पैसे का युग हो गया है। आज युवा यहां सीख, समझ और पढक़र फिर पैकेज के लिए अमेरिका, इंगलैंड, आस्ट्रेलिया की ओर देखने लगता है जबकि उसका कर्तव्य है उस समाज, शिक्षा और माहौल के प्रति कि वह उन्हें भी अपनी सेवाएं दे। युवाओं को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। भगवान सबसे बड़ा कलाकार है जिसने इंसान को बनाया और सभी में एक जैसे पुर्जे दिए। किसी में कोई फर्क नहीं। आज सम्मानित होने वाले बच्चों को देखकर नीचे बैठने वाले बच्चों के मन में भी यह जिज्ञासा उत्पन्न होनी चाहिए कि वो कर सकता है तो फिर मैं क्यों नहीं?
विशिष्ट अतिथि नगर निगम की महापौर रजनी डांगी ने कहा कि हमने शिक्षा विभाग से ऐसे प्रतिभावान बच्चों की सूची मांगी है जिन्होंने 75 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित किए हों। उन्हें निगम अपने स्तर पर पुरस्कृत करेगा। बालिकाओं को आगे आते देखना मेरे लिए बहुत सुखद है। वे मेहनत करें, राज्य स्तर और फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपना, विद्यालय, माता-पिता और देश का नाम रोशन करें। बच्चों ने नूतन मॉडल बनाए हैं लेकिन देखना यह है कि ये सिर्फ मॉडल ही न बनकर रह जाएं। इन्हें भी साकार रूप प्रदान किया जाए ताकि इनकी मेहनत वाकई में काम आ सके। ये विवेकानंद का देश है जहां से बच्चे आगे जाते हैं। शिष्य-गुरु की प्रतिष्ठा को विश्व स्तर पर ले जाएं। नित नूतन सपने देखें।
अध्यक्षीय उद्बोधन में विज्ञान महाविद्यालय के प्रो. एस. एन. ए. जाफरी ने कहा कि मेडिकल साइंस भी अब तक मानव शरीर की पूरी संरचना को मात्र 60 प्रतिशत ही समझ पाई है बाकि 40 प्रतिशत समझने की कोशिशें हो रही हैं। दिमाग का इस्तेमाल अगर तरीके से किया जाए तो कोई भी अच्छा काम कर सकता है। उन्होंने प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टाइन के बारे में कहा कि उन्हें एक वैज्ञानिक ने कहा था कि आपके मरने के बाद आपका ब्रेन मैं लूंगा और देखना चाहूंगा कि इसमें ऐसा क्या विशेष है? आइंस्टाइन ने सहमति दी और उनकी मृत्यु के बाद उनका ब्रेन उस वैज्ञानिक को दिया गया। जब उसने उस पर रिसर्च की तो पाया कि उसमें कुछ भी खास नहीं था। जैसा सभी का ब्रेन होता है, वैसा ही वह भी था। अर्थात् अलग कुछ भी नहीं है। हम सिर्फ उसका उपयोग कितना और कैसे करते हैं, उस पर निर्भर करता है। यहां जिलास्तरीय मेले में ऊर्जा पर काफी मॉडल बनाए हैं। मेरा छात्रों से आग्रह है कि वे एस्ट्रोनोमी पर ध्यान दें। इसे सीखने का प्रयास करें। आपको अच्छा लगेगा। साथ ही शिक्षक उनकी इसमें मदद करें। उन्होंने मेले के समापन की विधिवत घोषणा की।
विशिष्ट अतिथि शिक्षा उपनिदेशक भरत मेहता ने आगंतुक विद्यार्थियों, शिक्षकों को बधाई दी कि पूर्व के मेलों में 60-70 विद्यालय हिस्सा लेते थे। इस बार यह संख्या 150 पहुंच गई है। हमें खुशी भी है और यह विश्वास भी कि निरंतर इस संख्या में वृद्धि होगी।
इससे पूर्व महावीर एकेडमी के निदेशक राजकुमार फत्तावत ने शिक्षा विभाग का आभार जताते हुए कहा कि बच्चों को प्रेरणा मिलती रहनी चाहिए। शिक्षकों को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। विभाग से मेरा आग्रह है कि बच्चों के मॉडल्स पर ध्यान दें और उन्हें साकार रूप देने का प्रयास करें। एकेडमी हर काम के लिए हमेशा तैयार है। मेले में विभिन्न स्पर्धाओं के विजेताओं को अतिथियों ने प्रमाण-पत्र व स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। मेले के सफल आयोजन के लिए मेला संयोजक निर्मल जारोली, मेला प्रभारी प्रकाश जोशी एवं विनय दवे का भी अतिथियों ने सम्मान किया। इससे पूर्व मेला संयोजक जारोली ने मेला प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। संचालन विजयलक्ष्मी गलुण्डिया एवं सोनू सुथार ने किया।
विशेष : जिलास्तरीय मेले में पहली बार प्रतिभागी बने अंध विद्यालय के आकाश गौड़ का अतिथियों ने मंच पर स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मान किया। उनके शिक्षक ने बताया कि ब्रेल लिपि से आकाश ने सैकंडरी में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। यहां मेले में उन्होंने ऊर्जा पर मॉडल बनाया।