Udaipur. लावारिस लाशों का अंतिम संस्काकर पूर्ण जिम्मे दारी से करवाने और फिर अस्थियां तक हरिद्वार में विसर्जित करवाने वाले लीलाधर कुमावत नहीं रहे। दिल का दौरा पड़ने से शनिवार दोपहर उनका निधन हो गया। उनके निधन की सूचना फैलते ही शहर में शोक की लहर दौड़ गई।
जीवन संध्या संस्थान के बैनर तले कार्य करने वाले कुमावत इतने सहज और सरल स्वभाव के थे कि पहली ही मुलाकात में हर किसी को अपना बना लेते थे। पुलिस और हॉस्पिटल दो जगह ऐसी थी जहां उनका नाम बड़े आदर से लिया जाता था। हर कोई उन्हें जानता था। पुलिस के पास जब भी लावारिस शव आता, उनका फोन तुरंत कुमावत के पास चला जाता। कुमावत अपने संस्थान के खाते से सारा खर्च उठाते थे। उनके परिवार में चार बेटियां व एक बेटा है। वर्ष में एक बार ऐसी लावारिस अस्थियों को वे ले जाकर गयाजी या हरिद्वार में विधिवत तर्पण कराते थे।