याद किया शहीदे आजम भगतसिंह को
Udaipur. मौजूदा व्यवस्थ में युवाओं को कदम-कदम पर समझौतावादी होने को मजबूर किया जाता है, लेकिन युवा वही है जो सपने देखे और उन सपनों को पूरा करने के लिए विद्रोही बन जाए।
ये विचार शहीदे आजम भगत सिंह के 107वें जन्म दिवस पर सेवाश्रम स्थित उनकी मूर्ति स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में वक्ता0ओं ने व्यक्त किये। लोकतांत्रिक मोर्चा की ओर से उदयपुर शहर विधानसभा सीट के उम्मीदवार राजेश सिंघवी ने कहा कि शहीदे आजम भगतसिंह ने कहा कि ’’जीने की चाहत उनमें भी है, लेकिन वह गुलाम होकर जीना नहीं चाहते।‘‘ इस विचार को युवाओं को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
सिंघवी ने बताया कि शहीदे आजम भगत सिंह ने अपने फांसी पर चढ़ने के कुछ महिनों पहले जेल में उनसे मिलने गये शिव वर्मा को कहा कि ’ब्रिटिश हुकुमत के लिए मरा हुआ भगत सिंह, जीवित भगत सिंह से ज्यादा खतरनाक होगा।‘ और हुआ भी यही कि देश के आजादी के आंदोलन में उनकी फांसी से नई जान आ गई। सिंघवी ने शहीदे आजम भगत सिंह के विचारों को अपने जीवन में उतार मौजूदा व्यवस्था को बदलने की लड़ाई में आगे आए। राजस्थान मेडिकल एण्ड सेल्स रिप्रजेन्टेटीव यूनियन के राज्य सचिव सौरभ गौतम ने कहा कि भगत सिंह का राजनैतिक जीवन 1926 में नौजवान भारत सभा की स्थापना के साथ आरंभ हुआ और उनका राष्ट्रीय पटल पर एक चमकते हुए क्रांतिकारी सितारे की भांति उदय हुआ। सभा में नौजवान सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष एडवोकेट सत्येन्द्र पाल सिंह छाबड़ा ने कहा कि शहीदे आजम भगत सिंह ने इंकलाब जिंदाबाद का नारा दिया, जो हर आंदोलन में प्रेरणास्पद हो आंदोलनकारियों का होंसला बढ़ाता है। कार्यकर्ताओं ने भगत सिंह अमर रहे, भगत सिंह के अरमानों को मंजिल तक पहुंचायेंगे, इंकलाब जिंदाबाद, साम्राज्यवाद मुर्दाबाद आदि नारे लगाये और शहीदे आजम भगत सिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण किया।
इस अवसर पर माकपा जिला सचिव बी.एल.सिंघवी, नौजवान सभा के जिलाध्यक्ष भीमसिंह सिसोदिया, उपाध्यक्ष रामचन्द्र राव, सचिव ललित मीणा, शहर अध्यक्ष शैलेन्द्र मेहता, कच्ची बस्ती फैडरेशन के प्रताप सिंह देवड़ा, बिल्डिंग वर्कर्स मजदूर यूनियन के मुनव्वर खां आदि उपस्थित थे।