तेरापंथी सभा ने किया 38 तपस्वियों का सम्मान
तेरापंथ दर्शन परीक्षा में देश भर में संगीता प्रथम
Udaipur. मेवाड़ कान्फ्रेंस के अध्यक्ष एवं पूर्व न्यायाधीश बसंतीलाल बाबेल ने कहा कि वाणी संयम एवं खाद्य संयम करके भी हम तपस्या की श्रेणी में शामिल हो सकते हैं। परिवार में शांति एवं सौहार्द की स्थिति भी तपस्या में ही आती है।
वे रविवार को अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में तेरापंथी सभा की ओर से चातुर्मास काल में तपस्या करने वाले तपस्वियों के आयोजित सम्मान समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें भौतिकवाद से दूर रहकर अध्यात्मवाद को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए। समारोह में शासन श्री मुनि रवीन्द्र कुमार ने कहा कि आत्मा पर आए आवरण को हटाने का उपक्रम तपस्या है। तपस्या से आधि, व्याधि और उपाधि का शमन होता है। तन बल एवं मन बल के जागरण से ही तपस्या हो सकती है। तप की अनुमोदना एवं प्रमोद भावना से भी कर्मों की निर्जरा होती है। तपोमूर्ति मुनि पृथ्वीराज ने कहा कि स्वार्थ का भाव जहां रहता है, वहां अशांति है। व्यक्ति भीतर के परिवर्तन से कल्याण का मार्ग प्राप्त कर सकता है। भीतर का परिवर्तन हृदय परिवर्तन के प्रयोगों से किया जा सकता है।
इससे पूर्व स्वागत भाषण देते हुए सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कहा कि आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी समारोह के तहत उदयपुर में शताधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह न सिर्फ सभा बल्कि उदयपुर के लिए गौरव की बात है कि अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित तेरापंथ दर्शन परीक्षा में उदयपुर की श्रीमती संगीता पोरवाल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। समारोह में तेरापंथ सभा द्वारा प्रकाशित पत्रक सम्पर्क के आठवें अंक की प्रति मुनिवृंदों को भेंट कर समारोह के अध्यक्ष श्री बाबेल, संपादक सुबोध दुग्गड़, सभा के मंत्री अर्जुन खोखावत ने विमोचन कराया।
इनका हुआ सम्मान : पवन कुमार फत्तावत, लीलादेवी चपलोत, कविता बड़ाला, कमलादेवी गुप्ता, हेमलता इण्टोदिया, सुमनदेवी कच्छारा, कुसुम बाबेल, अमिता पोरवाल, मोहनलाल बम्ब, भगवतीलाल तोतावत, प्रियांशु पोरवाल, बसंतादेवी कंठालिया, भंवरलाल पोरवाल, सुशीलादेवी बरडिया, स्नेहलता ओस्तवाल, मेघा परमार, शंकरलाल पोरवाल, विनोद कुमार भोलावत, सुचिता मोटावत, मासूम परमार, निर्भय बाबेल, सुभाष सोनी, मनोहरलाल पोखरना, रंजनादेवी कुणावत, नानालाल कुणावत, रूपलाल भोलावत, हिम्मतसिंह चौधरी, सुनीता बैंगानी, जयमाला करणपुरिया, इंदुबाला बडालमिया, प्रदीप पोरवाल, जगदीप पोरवाल, मीना डागलिया, भैरूलाल कागरेचा, सूरजमल कोठारी, कांता इंटोदिया, रुचि बोल्या एवं साकेत परमार।
तपस्वियों का सम्मान करने वालों में समाज के वयोवृद्ध भूरालाल पोरवाल, फतहलाल जैन, रोशनदेवी एवं श्रीमती सुशीला वर्डिया शामिल थे। इन्हें सम्मानस्वरूप उपरणा, साहित्य एवं स्मृति चिह्न भेंट किया गया। इससे पूर्व मंगलाचरण सोनल सिंघवी एवं शशि चह्वाण ने किया। आभार तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष धीरेन्द्र मेहता ने जताया। संचालन सभा के मंत्री अर्जुन खोखावत ने किया।