गंगा-यमुना में भी विसर्जन पर है रोक
Udaipur. गंगा और यमुना जैसी सदानीरा बड़ी नदियों में भी विसर्जन पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रोक लगाई है तो ऐसे में झीलों में तो विसर्जन बिल्कु ल नहीं किया जाना चाहिए। मूर्ति, ताजिये या कोई भी पूजन या इबादत की सामग्री झील में प्रवाहित करना रुकना चाहिए। पेयजल गंदा करना अनुचित है।
ये विचार व्यक्त किए डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित परिसंवाद में झील संरक्षण समिति के अनिल मेहता व डॉ. तेज राजदान ने। उन्होंने कहा कि प्रशासन से बार-बार आग्रह करने के बावजूद विसर्जन का स्थान निर्धारण नहीं होना संवेदनहीनता है।
बजरंग सेना के कमलेन्द्रसिंह पवार ने कहा कि इस वर्ष एक सौ पैंतीस मूर्तियां मेलडी़ माता मंदिर से ले जाई गई हैं जो पिछले वर्ष नवरात्रि के बाद मंदिर में रखी गई थीं। पंवार ने आग्रह किया कि जो भी गरबा मंडल चाहे, मेलडी़ माता मंदिर में मूर्तियां रख सकेगा और उसे अगले वर्ष वापस ले जा सकेगा। इससे मूर्ति की हमेशा पूजा-अर्चना भी होगी और अगले वर्ष के लिए संरक्षित भी। झील व पर्यावरण संरक्षण के लिए इस वर्ष 53 माताजी की तस्वीरे बांटी गई। चाँदपोल नागरिक समिति के तेजशंकर पालीवाल, ट्रस्ट सचिव नन्दकिशोर शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए।