दुर्गाष्टमी पर कन्याओं का पूजन
Udaipur. शारदीय नवरात्रा के तहत दुर्गाष्टमी पर शनिवार को जहां ड्याढ़ी माता का पूजन किया गया वहीं दैवी शक्तिपीठों पर दुर्गाष्टमी की विशेष पूजा अर्चना हुई। सिटी पैलेस में कुलदेवी बाणमाताजी की सवारी निकली। जगह जगह कन्याओं का पूजन कर उन्हें जिमाया गया।
शहर के नीमज माता, अम्बा माता, बेदला माता, आवरी माता, कालका माता, हस्ती माता, चामुण्डा माता सहित विभिन्न शक्तिपीठों पर शनिवार को विशेष श्रृंगार धराकर पूजा अर्चना की गई। इसके बाद हवन, पूजा-अनुष्ठाान हुए। घर-घर में ड्याढ़ी माता का पूजन हुआ। मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही।
सात दिन पूर्व सिटी पैलेस में लाए गए मेवाड़ राजपरिवार की कुलदेवी बाणमाताजी के विग्रह की विशेष पूजा-अर्चना के साथ नवरात्रि के अनुष्ठान हुए। ट्रस्ट अंतर्गत आने वाले सभी शक्तिपीठ स्थलों पर अष्टमी की विशेष पूजा-अर्चना की गई। सभी देवी-प्रतिमाओं को आकर्षक ढंग से श्रृंगारित किया गया। उनके सुख समृद्धि के लिए विशेष हवन, अनुष्ठान आदि किए गए। इस अवसर पर विजयाराज कुमारी मेवाड़ ने पूजा कर मेवाड़ में खुशहाली की कामना की। सिटी पैलेस प्रांगण स्थित शंभू निवास में स्थित खडग़जी की विशेष पूजा अर्चना विभिन्न अनुष्ठानों, हवन के साथ दोपहर को संपन्न हुई। पूजा अरविंदसिंह मेवाड़ की ओर से राजपुरोहित सहित कर्मान्त्री ने करवाई। इसके बाद पैलेस बैण्ड की मधुर धुनों पर सात रोज पूर्व यहां लाए गए कुलदेवी बाणमाताजी के विग्रह को राजपरिवार का लवाजमा मय खुली गाड़ी में, चंवरदार, 5 सजे-धजे घोड़े सहित भट्टियानी चौहट्टा स्थित घनश्याम भट्ट के यहां पहुंची। लवाजमा कुलदेवी बाणमाताजी का विग्रह लेकर राजसी ठाट-बाट के साथ जनाना महल स्थित भण्डार से रवाना हुआ। रास्ते में जगह-जगह श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए।
कन्याओं का माता स्वरूप पूजन
नारायण सेवा संस्थान के तत्वावधान में बड़ी स्थित सेवामहातीर्थ में कन्याओं का पूजन हुआ। ये सभी कन्याएं नवरात्रि में आयोजित विशेष पोलियो करेक्शन शिविर में परिजनों के साथ उपचार के लिए आई थीं। यज्ञ के बाद सजे-धजे पाण्डाल में सभी निशक्त कन्याओं को निदेशक वंदना अग्रवाल ने लाल चूनर ओढा़कर मां भगवती के रूप में वेदियों पर प्रतिष्ठित कर पूजन किया। अनुष्ठान में मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त सुबोध अग्रवाल व उनकी धर्म पत्नी रोली अग्रवाल भी शामिल हुए। संस्थान निदेशक वंदना अग्रवाल के निर्देशन में हुए अनुष्ठान में पूजित कन्याओं को वस्त्र, श्रृंगार सामग्री व नैवेद्य अर्पित कर सुख और शांति की कामना की गई। संस्थान के निराश्रित बालगृह के बच्चों ने भक्ति परक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी।