42 कुलपति करेंगे चर्चा
वंचित बच्चों के प्रति जागरूकता अभियान पर दिया जाएगा प्रजेन्टेशन
Udaipur. दक्षिण एशियाई देश समूह के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का दो दिवसीय सम्मेलन बुधवार को फतह प्रकाश पैलेस के दरबार हाल में शुरु होगा। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन सुबह 11 बजे महामहिम राज्यपाल मारग्रेट अल्वा करेंगी।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. इंद्रवर्धन त्रिवेदी ने यहां पत्रकारों से बातचीत में बताया कि सम्मेलन में देशी और विदेशी विश्वविद्यालयों के कुलपति और कई शीर्षस्थ विद्वान मिलकर दक्षिण एशिया में उच्च शिक्षा के आयामों के विकास से संबंधित चुनौतियों और संभावनाओं पर गहन विचार-विमर्श करेंगे। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन के अध्यक्ष अरविंदसिंह मेवाड़, अफगनिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मोहम्मद हैदायती और हिन्दुस्तान जिंक लि. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिलेश जोशी बतौर अतिथि अपने विचार रखेंगे।
सम्मेलन में गहन विचार मंथन के बाद दक्षिण एशियाई देशों में उच्च शिक्षा क्षेत्र में परस्पर सहयोग और आदान-प्रदान पर एक उदयपुर घोषणा पत्र जारी किया जाएगा। इसका प्रमुख और आरंभिक सत्र अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष प्रो आर. बी. लाल के मुख्य आतिथ्य और अंगेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, हैदराबाद की कुलपति प्रो. सुनयनासिंह की अध्यक्षता में होगा, जिसमें विद्वान विचार विमर्श के लिए आधार भूमि तैयार करेंगे। इसमें गुजरात की उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ. जयंती रवि और भारतीय प्रबंध संस्थान के प्रो. थॉमस जोसेफ विचार रखेंगे। समापन सत्र 17 अक्टूबर को भारतीय समाज विज्ञान अध्ययन एवं शोध परिषद के सचिव प्रो. रमेश दाधीच की अध्यक्षता में होगा।
वेदान्ता-हिन्दुस्तान जिंक सेमीनार का सह-आयोजक है। 16 अक्टूबर को हिन्दुस्तान जिंक के सभागार में मध्याह्न सत्र होगा। इसमें वेदान्ता-हिन्दुस्तान ज़िंक द्वारा भारत एवं राजस्थान सरकार के साथ मिलकर सामाजिक, आर्थिक उत्थान एवं महिला सशक्तिकरण के लिए किये जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी जाएगी। सेमिनार में हेड हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक हिन्दुस्तान ज़िंक के वंचित बच्चों के प्रति विश्व्व्यापी जागरूकता अभियान ‘खुशी’ के बारे में दक्षिण एशियाई देशों के विश्वाविद्यालयों के कुलपतियों के समक्ष प्रजेन्टेशन देंगे एवं अभियान की भारत में सफलता के बारे में विस्तार से बताएंगे। गौरतलब है कि वेदान्ता ग्रुप का अभियान ‘खुशी’ भारत में वंचित बच्चों के प्रति आम जनता में जागरूकता तथा इन बच्चों के लिए षिक्षा, स्वास्थ्य तथा सुपोषण उपलब्ध कराने तथा समग्र विकास का एक महाअभियान है। हिन्दुस्तान जिंक नियमित तौर पर इंजीनियर्स, मैनेजमेन्ट ग्रेज्युएट्स, सी.ए., भू-वैज्ञानिक आदि की भर्ती करता रहा है तथा जिस तरह कम्पनी विकास की ओर अग्रसर है, प्रोफेशनल मेन पावर की सदैव आवश्यतकता होगी।
संवाददाता सम्मेलन में प्रो. त्रिखा ने बताया कि पहले और दूसरे दिन दो सत्रों में पैनल चर्चा होगी। पहले दिन की चर्चा इरान के इस्लामिक आजाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हमीद सारेमी की अध्यक्षता में होगी, जिसमें दक्षिण एशियाई देशों में कार्यक्रमों के आदान-प्रदान पर कर्नाटक के प्रो. बी. आर. अनंथन सहित कई कुलपति विचार रखेंगे। दूसरे दिन दक्षिण एशियाई देशों में सहयोग, समन्वय और चुनौतियां विषयक चर्चा बांगलादेश के राजशाही विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मोहम्मद मिजानुद्दीन की अध्यक्षता में होगी। इस सत्र की सह अध्यक्षता राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की प्रो. पूनम सक्सेना करेंगी और इसमें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदोर के पूर्व कुलपति प्रो. बी. सी. छापरवाल विशेष अतिथि होंगे। इसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वद्यालय के प्रो.पुष्पेश पंत सहित कई कुलपति और विद्वान विचार रखेंगे। सम्मेलन के पहले दिन एक सत्र में वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति प्रो. वी. के. पाठक सूचना संप्रेषण तकनीक और शिक्षा, श्रीलंका खुला विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. विजिथा नन्यककारा ज्ञान के आदान-प्रदान से ग्रामीण कृषि समुदायों के सशक्तिकरण और आईआईटी, नई दिल्ली के प्रो. एमरेटस विनयशील गौतम दक्षिण एशिया में उच्च शिक्षा की नई प्रवृत्तियों की संभावनाओं पर व्याख्यान देंगे। सम्मेलन में समाजविज्ञान और मानविकी में उद्योग और नवाचार, आपदा प्रबंधन और नगर नियोजन में दूर संवेदन तकनीक का प्रयोग आदि विषयों पर विशेष तकनीकी सत्र भी होंगे।
अतिथि कुलपतियों को नगर और क्षेत्र की भव्य सांस्कृतिक विरासत से परिचित करवाने के लिए एक भ्रमण का कार्यक्रम भी रखा गया है। अतिथि कुलपति और विद्वान सम्मेलन के दूसरे दिन विश्वविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी करेंगे। विश्वविद्यालय ने आयोजन के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। दूसरे दिन के तकनीकी सत्र होटल रॉयल रिट्रीट में होंगे। सम्मेलन का अंतिम सपापन सत्र विश्वविद्यालय के जैव तकनीकी भवन में होगा।