ग्रामीण दक्षता सम्मान समारोह
Udaipur. जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्व्विद्यालय के कुलाधिपति प्रो. बी. एस. गर्ग ने कहा कि दक्षता एक कला है जो सम्प्रेषण से पाई जाती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के सर्वागीण विकास के लिए शिक्षा की अनिवार्यता एवं आवश्यकता है।
शिक्षा का मूल उद्देश्यो मनुष्य की आत्मा व उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व केा निखारना एवं अभिव्यक्ति के लिए समर्थ बनाना है। साथ ही शिक्षा का उद्देश्यव व्यक्ति को साक्षर एवं प्रबुद्ध बनाते हुए जीविकोपार्जन के लिए तैयार करना है।
वे गुरुवार को विश्वविद्यालय के संघटक जनशिक्षण व विस्तार कार्यक्रम निदेशालय के कम्युनिटी सेन्टर्स विभाग के अन्तर्गत संचालित विजया मां मंगल भारती केन्द्र बेदला केन्द्र पर ग्रामीण दक्षता सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। केन्द्र प्रभारी डॉ. धर्मेन्द्र राजोरा ने बताया कि केन्द्र पर 152 ग्रामीण महिलाओं को कम्प्यूटर प्रशिक्षण, सिलाई, बुनाई, बंधेज, ब्यूटी पार्लर, इंटीरियल डेकोरेशन, पेंटिग के लिए सम्मान पत्र, उपरणा ओढा कर सम्मानित किया गया। अध्यक्षता भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ के महासचिव डॉ. कैलाश चौधरी ने की।
उच्च शिक्षा से जुड़ें ग्रामीण : प्रो. गर्ग ने कहा कि विद्यापीठ के सभी जनभारती केन्द्रों को उच्च शिक्षा से जोड़ दिया गया है जिससे ग्रामीण छात्र छात्राएं गांव में स्थित इन केन्द्रों से घर बैठे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकती है। विशिष्टा अतिथि रजिस्ट्रार डॉ. प्रकाश शर्मा, डॉ. मंजू मांडोत, निदेशक हरीश गन्धर्व ने भी विचार व्यक्त किए। धन्यवाद डॉ. कौशल नागदा ने दिया।