Udaipur. जैसा कि उदयपुर न्यूज ने पिछली स्टोेरी में कहा था कि कांग्रेस गिरिजा को उदयपुर शहर से लड़ा सकती है। अगर डॉ. गिरिजा व्यास उदयपुर से चुनाव लड़ीं तो इसके क्या मायने होंगे। इससे सारे समीकरण बदल जाएंगे।
गिरिजा का उदयपुर से लड़ना यानी कटारिया का उदयपुर छोड़कर बड़ी सादड़ी से लड़ना जो संभवतया सही भी हो सकता है क्योंकि दो दिन पूर्व ही बड़ी सादड़ी से काफी बसों में कार्यकर्ता उदयपुर पहुंचे और उन्होंने कटारिया से बड़ी सादड़ी से चुनाव लड़ने का आग्रह किया। कटारिया ने हालांकि पार्टी पर छोड़ दिया। अगर कटारिया बड़ी सादड़ी से लडेंगी तो फिर गिरिजा के सामने भाजपा के पास किरण माहेश्वरी को लड़ाने के अलावा और कोई ऑप्शन नहीं है। इधर किरण माहेश्वरी आती हैं तो राजसमंद की सीट कटारिया समर्थकों के लिए खाली हो जाएगी। अंदर ही अंदर कुछ सुगबुगाहट कहती भी है कि न तो कांग्रेस और न ही भाजपा.. अपने पत्ते खोलने में जल्दबाजी दिखाएंगे। पहले कांग्रेस के टिकट फाइनल होंगे। उसके बाद ही भाजपा अपने प्रत्याशी घोषित करेगी।
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om agarwal