यूसीसीआई में राज्यस्तरीय वेण्डर डेवलपमेन्ट कार्यक्रम एवं बायर-सेलर मीट
Udaipur. उद्यमियों को मुख्य व्यवसाय के साथ-साथ अन्य किसी दूसरे व्यवसाय में भी निवेश करना चाहिये। व्यापारिक उतार-चढा़व के दौर में स्वयं को व्यवसाय में बनाये रखने के लिये यह आवश्यक है।
ये विचार एमएसएमई विकास संस्थान, जयपुर के सहायक निदेशक फूलसिंह ने यूसीसीआई में व्यक्त किए। वे उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा एमएसएमई (माइक्रो, स्माल एण्ड मीडियम एन्टरप्राइजेज)-विकास संस्थान, जयपुर एवं राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड, जयपुर के तत्वावधान में चैम्बर भवन के पीपी सिंघल सभागार में सुबह 10.30 बजे लघु उद्यमियों के लिये ”राज्यस्तरीय वेण्डर डेवलपमेन्ट कार्यक्रम एवं बायर-सेलर मीट“ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उद्योग की स्थापना एवं संचालन के साथ उसका विस्तार करें तथा प्रोडक्ट की क्वालिटी में बदलाव लावें। सरकार का सिस्टम आमजन के लिये जीविका उपार्जन हेतु रोजगार के साधन उपलब्ध कराने की जन कल्याण की भावना के आधार पर कार्य करता है। यही कारण है कि सरकार द्वारा लघु उद्योगों को बढावा देने हेतु विभिन्न सहायता योजनाएं लागू की गई हैं। राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड, जयपुर के ब्रांच मैनेजर अनुरागसिंह चारण उपस्थित थे।
आरम्भ में अध्यक्ष महेन्द्र टाया ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि संभाग में अधिकांश व्यावसायिक एवं आर्थिक गतिविधियाँ लघु उद्योगों पर निर्भर है। यूसीसीआई का संक्षिप्त परिचय देते हुए टाया ने लघु उद्योगों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिये यूसीसीआई के द्वारा किए जा रहे कार्यों के विषय में जानकारी प्रदान की। यूसीसीआई का उद्देश्ये लघु उद्यमियों को अपने उत्पाद के विपणन व विक्रय हेतु मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन प्रदान करना है। यूसीसीआई की यह सोच है कि उद्यमियों एवं सरकारी संस्थानों के अधिकारियों के मध्य सामूहिक परिचर्चा एवं चिन्तन के माध्यम से लघु उद्योग इकाईयों द्वारा तैयार उत्पादों के लिये उपयुक्त मार्केट तैयार करने तथा बडे़ उद्योगों व सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिश्ठानों में इनकी खरीद को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु प्रयास किए जाने चाहिए।
यूसीसीआई के मानद महासचिव आशीष छाबडा ने एमएसएमई-विकास संस्थान के प्रयास की सराहना की। छाबडा़ ने कहा कि देश की आजादी के इतने वर्ष बाद भी अधिकांश वस्तुएं विदेशों से आयात करनी पड़ रही है। यह आम धारणा है कि इम्पोर्टेड माल की क्वालिटी अच्छी होती है। बडे उद्योगों के लिए भी आज बाजार की प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिये लागत में कमी लाना आवश्य़क हो गया है। उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद खरीदने हेतु परचेज डिपार्टमेन्ट की जिम्मेदारी और बढ गई है। मोहता ने बडे़ उद्योगों हेतु नियमित खरीद आवश्यहकताओं की आपूर्ति हेतु लघु सहायक (एनसलरी) इकाईयों की जरूरत पर बल दिया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड, जयपुर के ब्रांच मैनेजर अनुराग सिंह चारण राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड द्वारा लघु औद्योगिक इकाईयों को निगम द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं एवं विभिन्न लाभार्थ स्कीमों की जानकारी दी।
उदयपुर जिला उद्योग केन्द्र के जिला उद्योग अधिकारी जे.पी. गुप्ता ने राज्य सरकार द्वारा लघु उद्यमियों के लाभार्थ चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। तकनीकी सत्र में पायरोटेक इलेक्टॉनिक्स प्राईवेट लिमिटेड, राजस्थान स्टेट माईन्स एण्ड मिनरल्स लिमिटेड, टेम्पसन्स इंस्ट्रूमेन्ट्स इण्डिया, पायरोटेक कन्ट्रोल्स इण्डिया, पीकॉक इण्डस्ट्रीज आदि वृहद उद्योगों के अधिकारियों द्वारा पावर पॉइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम द्वारा लघु उद्यमियों को उनके संस्थान की खरीद आवश्याकताओं तथा खरीद प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने अपनी प्रस्तुति में बताया की किसी भी लघु उद्योग के लिये अपने उत्पाद के विपणन हेतु उनके गुणवत्ता के मापदण्ड पूरा करना अत्यन्त आवष्यक है। उन्होंने क्रय प्रक्रिया के विषय में प्रतिभागियों की शंकाओं एवं जिज्ञासाओं का विस्तार से उत्तर दिया। संचालन यूसीसीआई के मानद महासचिव आशीष छाबड़ा ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी विभागों से आये अधिकारियों एवं लघु उद्यमियों सहित 100 उद्यमियों ने भाग लिया। यूसीसीआई के मानद महासचिव छाबड़ा ने कार्यक्रम में विभिन्न लघु उद्योग संस्थानों से भाग लेने आए प्रतिभागियों तथा सरकारी विभागों से आये अधिकारियों को धन्यवाद दिया।