कस्बों में फीका रहा माहौल
Udaipur. पांच दिवसीय दीपोत्सव शुक्रवार से शुरू हो गया। पहले दिन धन त्रयोदशी यानी धनतेरस पर जहां बाजार गुलजार रहे वहीं मध्यमवर्गीय और निम्न वर्गीय परिवारों में त्यौहारी उल्लास कम ही देखने को मिला। ऑटोमोबाइल, सर्राफा, इलेक्ट्रोनिक्स और स्टील के बर्तन की दुकानों पर खासी भीड़ रही। धनतेरस पर स्टील के बर्तनों की खरीदारी को शुभ माना जाता है।
इससे पूर्व घरों में गृहिणियों ने आंगन की साफ सफाई कर रंगोली बनाई। घर की दहलीज पर लाल मिट्टी से लीपकर रंगोली बनाई गई। बर्तन, सर्राफा एवं इलेक्ट्रोनिक्स के व्यवसायी सुबह जल्दी ही दुकानों पर पहुंच गए। ब्रांडेड शोरूम भी आज जल्दी ही खुल गए थे। शोरूम के बाहर भव्य सजावट की गई। एक जानकारी के अनुसार सर्राफा बाजार में आज करीब 10 करोड़ का कारोबार हुआ। व्यापारिक प्रतिष्ठानों व घरों में महालक्ष्मीजी एवं धन के देवता कुबेर की स्थाबपना की गई। अंदरुनी धानमंडी में गृहिणियों ने मिट्टी के दीये, प्रतिमाएं व खिलौने, पूजन सामग्री, रूई और घर को सजाने के लिए माताजी के पगल्ये , लाभ शुभ के प्रतीक आदि की खूब खरीदारी की।
मिठाई की दुकानों पर भी भीड़ रही। घरों में पकवान बनाने के अलावा बाजार से भी विविध प्रकार की मिठाई खरीदी। लाइटों की आकर्षक भिन्न भिन्न रंग-बिरंगी चाइनीज लडि़यां भी बाजार में खूब बिकीं। वाहन के शोरूम आबाद रहे। दुपहिया व चौपहिया वाहनों की खूब बिक्री हुई। भटि्टयानी चोहट्टा स्थित माता महालक्ष्मीजी के मंदिर में भी सुबह से खासी भीड़ रही। यह भीड़ गोवर्धन पूजा तक रहेगी। श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन कर धन-धान्य से भंडार भरपूर रखने की कामना की।
फतहनगर. नगर के इतिहास में पहली मर्तबा धनतेरस फीकी रही। आम दिनों के मुकाबले बाजार में चहल पहल तो बढ़ी लेकिन दुकानों पर ग्राहकी नहीं थी। धनतेरस को लेकर ज्वैलरी, बर्तन, इलेक्ट्रोननिक्स आदि की दुकानें सजी। दुकानदार दिनभर ग्राहकी का इंतजार करते रहे लेकिन गिने चुने ग्राहकों के अलावा वीरानी का आलम ही रहा। मिठाइयों के काउंटर सजे।
सजावटी आइटम की दुकानों पर शाम को ग्राहकों की हलचल देखी गई जबकि आतिशबाजी की दुकानों पर ग्राहकी धीमी रही। सुबह महिलाएं घरों से निकली जंगलों से पीली मिट्टी लेकर घरों को लौटी। लौटते समय रास्ते में जहां भी देवस्थान मिला सडक़ पर स्वस्तिक बनाया। इसी मिट्टी का शाम को आंगन सजाने में उपयोग किया गया। दीपावली को लेकर द्वारिकाधीश मंदिर को रोशनी से जगमग किया गया। पांच दिवसीय कार्यक्रम के तहत द्वारिकाधीश के श्रृंगार भी शुक्रवार को शुरू हो गए।