भींडर भरेंगे निर्दलीय नामांकन! बगावत कर भाजपा कार्यकर्ताओं ने बनाई रणधीर सेना
Udaipur. नामांकन में अंतिम एक दिन बचने के कारण अभी सभी राजनीतिक दलों की धड़कनें अटकी पड़ी हैं। कौन कब, कहां से बागी के रूप में नामांकन भर दे.. सभी की इसी पर नजर है। मावली में जरूर भाजपा इससे उपर आ गई है। भींडर के समर्थन में शाम को पांच हजार कार्यकर्ताओं ने बगावत करते हुए रणधीर सेना का गठन किया बताते हैं।
हालांकि ब्रह्म हत्यां का आरोप लगाने वाले अब ठण्डे। हो गए हैं। धर्मनारायण जोशी मावली में भाजपा प्रत्यााशी दलीचंद डांगी के साथ नामांकन भरने पहुंचे वहीं वल्लभनगर में कांग्रेस से टिकट मांगने वाले गणपत मेनारिया को भाजपा ने टिकट देकर बागी खड़ा कर लिया है। जानकारों के अनुसार रणधीरसिंह भींडर मंगलवार को निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल करेंगे। भींडर के समर्थन में सोमवार शाम कुराबड़ में करीब दस हजार कार्यकर्ता एकत्र हुए। इसके साथ ही सोमवार को दिन भर भींडर राजमहल में कार्यकर्ताओं का जमावड़ा रहा जिनका भींडर पर चुनाव लड़ने का जबरदस्त दबाव बताते हैं। जोशी बंधुओं (मांगीलाल और धर्मनारायण) अगर चुनाव नहीं लड़ते हैं तो जानकारों का मानना है कि कटारिया को वे नुकसान तो पहुंचाएंगे ही।
कहने को भले ही कटारिया कमल मित्र मंडल के सदस्यों से सुर बिठाने का प्रयास कर रहे हैं और मंडल ने जैसा कि स्पाष्ट कह दिया था कि कमल के लिए काम करते रहे हैं और करते रहेंगे, उसी तर्ज पर आज कटारिया के नामांकन के दौरान भी इनमें से कोई नहीं दिखा। शहर भर में चर्चा यही रही कि भाजपा का तो माहौल है लेकिन एंटी कटारिया का मुद्दा भी साथ है। अब 20 दिन की मेहनत में कटारिया इस ‘एंटी’ को कितना हटा पाते हैं, यह देखने वाली बात है। अगर रणधीरसिंह भींडर निर्दलीय लड़ते हैं तो उदयपुर में भींडर समर्थक सारे उनके चुनाव में जाएंगे जिसका फायदा कटारिया को मिल सकता है अन्यथा भींडर समर्थक यहीं रहकर कटारिया को काटने का प्रयास करेंगे।
भींडर का टिकट कटने की भी आज दिन भर शहर में चर्चा रही। बताते हैं कि भींडर को वसुंधरा राजे खुद ने उनका टिकट फाइनल होने की जानकारी दी थी लेकिन ऐन मौके पर ब्राह्मण कार्ड बाहर आने के कारण दोनों को ब्राह्मण प्रत्याशी उतारना पड़ा। उधर ग्रामीण विधानसभा सीट से देवेन्द्र मीणा जिला परिषद सदस्य हैं। पहले उन्होंने कांग्रेस के चिह्न पर नामांकन दाखिल कर दिया था लेकिन बाद में कटारा को टिकट मिलने पर उन्होंने सोमवार को निर्दलीय नामांकन वापस दाखिल किया। देवेन्द्र मीणा निश्चय ही कटारा को नुकसान पहुंचाएंगे। जिला परिषद सदस्य होने के नाते उनके क्षेत्र में तो पंचायतों में प्रभाव है जिसका उपयोग वे इस चुनाव में करेंगे।