नामांकन का बदला समय कटारिया ने
Udaipur. सोमवार को विधानसभा चुनाव के नामांकन के दौरान काफी गहमागहमी रही। यातायात भी बार बार डाइवर्ट करना पड़ा। हालांकि कलक्ट्रेट से सौ मीटर की परिधि में उम्मीदवार गिने-चुने समर्थकों के साथ ही पहुंचे। बाकी सभी को देहलीगेट चौराहे के वहीं रोक दिया गया। भाजपा प्रत्याशी कटारिया ने समय से पूर्व ही नामांकन भर दिया।
पूर्व तय समय के अनुसार कटारिया का कार्यक्रम पहले पार्टी कार्यालय से सूरजपोल आकर चुनाव कार्यालय का उदघाटन करना, जुलूस के रूप में कलक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन भरना था लेकिन देर रात कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी को देखकर उन्होंने वापस मुहूर्त पूछकर सुबह 12.15 बजे ही नामांकन दाखिल कर दिया। उधर कार्यकर्ता सूरजपोल पर ही इंतजार करते रहे कि भाई साहब आ रहे हैं। फिर नामांकन दाखिल करने जाना है। बाद में कटारिया के पहुंचने पर पता चला कि नामांकन तो दाखिल कर दिया तो कार्यकर्ताओं के चेहरों पर मायूसी छा गई। कटारिया के साथ जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट, लोकेश द्विवेदी, दलपत सुराणा आदि मौजूद रहे। इसी तरह ग्रामीण से फूलसिंह मीणा के साथ प्रमोद सामर, भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष गजपालसिंह राठौड़ लगे रहे।
यहां नर्म तेवर अपनाए कटारिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सभी परिवार के हैं। कोई भी विरोध में नहीं है। सबको मना लेंगे। जनता का चुनाव है। कांग्रेस के युवा प्रत्यााशी के बारे में पूछने पर हाथ झटकते हुए कहा कि उनके बारे में मैं क्या कहूं, स्वाागत है।
नामांकन दाखिल करने के बाद कटारिया व फूलसिंह मीणा दोनों देहलीगेट पहुंचे जहां हुई सभा को संबोधित किया। इससे पूर्व उन्होंने जीवन ज्योति कॉम्प्लेक्स में चुनाव कार्यालय का उदघाटन किया। पार्टी कार्यालय में ही ग्रामीण विधानसभा प्रत्याशी फूलसिंह मीणा के चुनाव कार्यालय उद्घाटन किया।
इस दौरान ग्रामीण विधानसभा से कांग्रेस की सज्ज्न कटारा ढोल-धमाके के साथ जुलूस के साथ नामांकन दाखिल करने आ रही थीं तब सूरजपोल चौकी के पास भाजपा का लौटता जुलूस कांग्रेस के आ रहे जुलूस से आमने सामने हो गया। यहां काफी देर नारेबाजी हुई। फिर पुलिस ने सभी को गंतव्य की ओर रवाना किया।
कटारा ने नामांकन दाखिल करने बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इतने वर्षों तक जनता की सेवा की है और अब भी करेंगे। मुख्यतया शिक्षा और पेयजल योजनाएं हैं जिन पर ध्यान देना है। बागी के बारे में पूछने पर उनका कहना था कि वे परिवारवाद का आरोप लगा रहे हैं। आरोप तो कोई भी लगा सकता है। वे बाहरी हैं। यहां की समस्यांओं को वे क्या जानें।