यूसीसीआई में स्रोत पर आयकर कटौती पर संगोष्ठी
Udaipur. आयकर आयुक्त (टीडीएस) सतीश शर्मा का कहना है कि कुछ लोगों का यह मानना है कि टीडीएस लोगों की आर्थिक प्रगति एवं सफलता पर जुर्माना है। इस कर में सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें आपकी जेब से कुछ नहीं जाता है। आपका दायित्व मात्र भुगतान के समय टैक्स काटकर जमा कराना है। सरकार को एक बड़ी राशि राजस्व के रूप में टीडीएस के माध्यम से प्राप्त होती है। विभाग द्वारा टीडीएस से सम्बन्धित सारी व्यवस्था ऑनलाइन की गई है।
वे सोमवार को उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्री द्वारा चैम्बर भवन के पी. पी. सिंघल सभागार में आयकर अधिनियम के अन्तर्गत स्रोत पर कर कटौती (टैक्स डिक्टेड एट सोर्स) विषयक परिचर्चात्मक संगोष्ठीस को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
उन्हों ने कहा कि नए प्रावधानों के अनुसार पूरे मार्च में काटे गये टीडीएस को 30 अप्रेल तक जमा कराया जा सकता है तथा 15 मई तक इस तिमाही की रिटर्न जमा कराई जाना आवश्यक है। कुछ विशेष मामलों में जोईन्ट कमिश्नर से अनुमति प्राप्त करके तिमाही आधार पर 7 जुलाई, 7 अक्टूबर, 7 जनवरी एवं 30 अप्रेल तक रिटर्न जमा कराई जा सकती है। यदि किसी व्यक्ति या संस्था पर टीडीएस काटने का दायित्व है परन्तु वह टीडीएस नहीं काटता है या काटने के बाद उसे समय पर राजकोष में जमा नहीं कराता है तो उस पर ब्याज एवं पैनल्टी लगाई जा सकती है।
विशिष्ट अतिथि आयकर विभाग, उदयपुर रेंज के ज्वापइंट कमिश्नपर (टीडीएस) जेम्स कुरियन एवं आयकर अधिकारी (टीडीएस) अमृत मीणा ने भी सेमिनार में उपस्थित प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए टीडीएस के प्रावधानों के विषय में विस्तार से जानकारी दी। मीणा ने बताया कि टीडीएस की रिटर्न फाईल करते समय करदाता का सही पेन नम्बर जरूर लिखें। टीडीएस जमा कराते समय चालान में गलती छूट जाने पर 7 दिनों के भीतर बैंक में सम्पर्क कर सुधार किया जा सकता है। 7 दिन के पश्चात एसेसमेंट अधिकारी से सम्पर्क कर गलती सुधारी जा सकती है। मानद महासचिव आशीष सिंह छाबडा ने संचालन करते हुए उपस्थित प्रतिभागियों से कहा कि यदि आप पर टीडीएस काटने का दायित्व है तो आपको समय पर टीडीएस काटकर जमा कराना होगा अन्यथा आप पर भारी जुर्माना लग सकता है। यूसीसीआई की आयकर एवं प्रत्यक्ष कर सब कमेटी के चेयरमैन श्री निर्मल सिंघवी ने धन्यवाद दिया।