मावली : चुनावी सरगर्मियां जोरों पर
नए प्रत्याशी दिखा रहे हैं हर दांव
पुराने को है काम पर विश्वास
उदयपुर/फतहनगर. चुनावी चौसर बिछ चुकी है। प्रत्याशी समर्थकों के साथ प्रचार में लगे हैं। हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि मतदाताओं को रिझा सकें। हालांकि भाजपा ने जातिवाद का कार्ड खेलकर नए प्रत्याशी को आजमाया है और नए प्रत्याशी के रूप में दलीचंद डांगी संपर्क भी कर रहे हैं। मूं तो घरे हुतो तको हो..। पार्टी टिकट देई दीदो है..। अबै आपरी जिम्मेदारी है के आगे भेजणो है। ठेठ मेवाड़ी में कुछ ऐसी मनुहार करते दलीचंद डांगी सहज हैं।
उधर कांग्रेस प्रत्याशी पुष्कर डांगी अपने जनसंपर्क में लगे हैं। हालांकि दोनों से मिलना मुहाल है। अलसुबह घर से निकल जाना, गांव-गांव फेरी देते हुए मतदाताओं से संपर्क करना फिलहाल इनकी दिनचर्या में शामिल है। इस बार पसीना इसलिए भी अधिक आ रहा है कि रेलमगरा तहसील की 9 पंचायतें टूट गई हैं जिससे भाजपा व कांग्रेस लगभग बराबरी पर आ गए हैं।
गत विधानसभा चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो सामने आता है कि भाजपा अच्छी स्थिति में होने के बावजूद यह सीट गंवा बैठी थी। इसके पीछे पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं का एक नहीं होना महत्वपूर्ण रहा था। इसके अलावा भाजपा उम्मीदवार धर्मनारायण जोशी बाहरी प्रत्याशी के तौर पर देखे गए। जोशी को चुनाव प्रचार का समय भी कम ही मिला था। ऐसे में जोशी कई स्थानों पर तो अपनी हाजरी भी नहीं दे पाए थे। दूसरे जोशी इस क्षेत्र में नए थे जिससे कार्यकर्ताओं की फौज तैयार नहीं हो पाई। अब स्थितियां पूरी तरह से बदल चुकी है। कांग्रेस ने अपने विधायक पुष्करलाल डांगी पर ही पुन: भरोसा जताते हुए चुनाव जीतने की रणनीति बनाई है। पुष्करलाल डांगी जिस तरह से अपने टिकिट को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे उसी भांति वे विकास कार्यों के बल पर अपनी जीत को लेकर भी आश्वस्त हैं। भाजपा ने दिग्गजों के दावों को दरकिनार करते हुए नए चेहरे के रूप में दलीचंद डांगी पर भरोसा जताया। दलीचंद का राजनीतिक कैरियर हालांकि लम्बा नहीं है लेकिन डांगी पांच बरस तक फतहनगर कृषि उपज मण्डी में चेयरमेन का पद सुशोभित कर चुके हैं। इसके अलावा भाजपा मावली मण्डल के अध्यक्ष एवं पंचायत समिति सदस्य के रूप में अनुभव ले रहे हैं। डांगी प्रधान के लिए प्रबल दावेदार थे लेकिन डांगी ने इस पद का त्याग किया जिसका प्रतिफल विधायक उम्मीद्वार के रूप में पार्टी ने दिया है। गांव-कस्बों में चुनावी रंगत परवान चढऩे लगी है। मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही इस क्षेत्र में भाजपा व कांग्रेस के बड़े नेताओं की सभाएं भी हो सकती है। इसके लिए दोनों ही पार्टिंयों की ओर से प्रयास जारी हैं।