Udaipur. चुनाव का इस बार माहौल कुछ बदला बदला सा है। प्रशासन अपनी तैयारियां कर रहा है। वाहन अधिग्रहण के साथ मतदान जागरूकता सहित विभिन्न बैठकें हो रही हैं। अभियान चल रहे हैं। नहीं है तो फर्रियां, बड़े नेताओं की सभाएं।
टिकट बंटवारे के बाद गणित ऐसी बिगड़ी कि अब तक किसी को कुछ समझ ही नहीं आ रही है कि उसका ऊंट किस तरफ मुंह करेगा। किसी से नाराजगी, कोई अंदरुनी गणित या कोई बागी उसकी उदय तो होने से नहीं रोक देगा। टिकट वितरण को लेकर नाराजगी दोनों प्रमुख दलों में है। भाजपा में आक्रोश का शिकार बन रहे हैं गुलाबचंद कटारिया तो कांग्रेस में बन रहे हैं डॉ. सी. पी. जोशी। टिकट वितरण से पूर्व तक डबोक एयरपोर्ट आने पर डॉ. सी. पी. जोशी के स्वांगत में उमड़ने वाले पदाधिकारी, कार्यकर्ता ऐसे हो गए कि मानों जानते ही नहीं। गत दिनों राहुल गांधी की चित्तौड़गढ़ सभा में जाते समय मुख्यमंत्री गहलोत, डॉ. जोशी आदि सभी डबोक एयरपोर्ट पहुंचे जहां देहात जिलाध्यक्ष लालसिंह झाला व उनके समर्थकों ने गहलोत को 21 किलो फूलों की माला पहनाई लेकिन डॉ. जोशी की ओर देखा तक नहीं। बाद में झाला ने कहा कि डॉ. जोशी बाद में आए होंगे, दिखे नहीं। यहं दिखने-दिखाने का खेल तो सब समझ रहे हैं, डॉ. जोशी भी और झाला भी।
भाजपा में कटारिया को राजपूत समाज के कतिपय नेता राजपूत विरोधी बता रहे हैं तो भाजपा के राजपूत नेता उन्हें अपना सच्चा हितैषी बताने में लगे हैं। ब्राह्मणों को ठंडा करने के लिए कटारिया हरसंभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन उन्हीं के कट्टर समर्थक रहे ब्राह्मण नेता मांगीलाल जोशी अब तक भयंकर आग पाले बैठे हैं। उन्होंने कहा कि गत चुनाव में धर्मनारायण जोशी को हरवाने में भी कटारिया का ही हाथ रहा। दो दिन से छात्र संघर्ष समिति के कटारिया को समर्थन देने की चर्चाएं थीं लेकिन समिति के संयोजकों ने ऐसी किसी संभावना से इनकार कर दिया।