चखा अमृत, पांच ककार के साथ सिक्ख धर्म में प्रवेश
Udaipur. भोपाल से आये पंज प्यारों ने गुरू तेग बहादुर के 338 वें शहीदी दिवस पर आज एम.बी.कॉलेज मार्ग स्थित गुरू सच खण्ड दरबार में 35 बच्चों, युवा, बुजुर्ग महिला-पुरूषों को अमृत चखा कर उन्हें पांच ककार (केश, कंघा, कड़ा, करपाण एवं कच्छारा) के साथ सिक्ख धर्म प्रवेश कराया।
पंजप्यारों को गुरू गोविन्दसिंह महाराज ने अपने गुरू का दर्जा दिया था। सिक्ख समाज उदयपुर द्वारा गुरू सच खण्ड दरबार एवं हिरण मगरी से. 4 स्थित गुरुनानक गर्ल्स कॉलेज में श्री गुरू तेग बहादुर-हिन्द की चादर का 338 वें शहीदी दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन आज गुरू सच खण्ड दरबार में अमृतसंचार कार्यक्रम के तहत अमृतपान कार्यक्रम तथा गुरूनानक गल्र्स कॉलेज परिसर में रक्तदान व प्रतिभावान सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया।
सिक्ख समाज के गुरु सचखण्ड दरबार के अध्यक्ष तेजेद्रसिंह रोबिन ने बताया कि शहीदी दिवस पर समूह सिक्ख समाज द्वारा गुरूवाणी कीर्तन कथा का भी आयोजन किया गया। पंच प्यारों द्वारा 35 जनों को अमृत चखा कर उन्हें रहत मर्यादा (नियम एवं उपनियम) का पाठ पढ़ाया। तत्पश्चात् दीवान कमेटी द्वारा पंच प्यारों व सभी अमृतधारियों को शिरोपाव भेंट किये गए।
अमृतपान का इतिहास : गुरूबक्षसिंह होड़ा ने बताया कि इस अमृत को बाटे (पात्र) में तैयार करते समय गुरु गोविन्दसिंह जी ने पंज वाणियों का पाठ किया और पंच प्यारों को अमृतपान कराया। तत्पश्चात् उन्हीं पंज प्यारों से स्वयं (गुरु गोविन्दसिंह) को अमृतपान कराने की इच्छा व्यक्त की। पंज प्यारों के हाथों अमृत चख कर वे गोविन्दराय से गोविन्दसिंह बन गये। इतिहास में ऐसी कोई शक्ति देखने को नहीं मिलती कि जिन्होंने अपने ही शिष्यों को गुरु का दर्जा दिया हो। इसलिए गुरु गोविन्द सिंह को ‘वाह-वाह गोविन्दसिंह आपे गुरू चेला’ कहा गया।
जसप्रीतसिंह ने बताया कि सिक्ख समाज, रक्तदान-महादान ट्रस्ट एवं गुरु तेग बहादुर हॉस्पीटल के संयुक्त ततवावधान में गुरूनानक गर्ल्सि कॉलेज परिसर में आयोजित किये गए रक्तदान कार्यक्रम में 151 समाजजनों ने रक्तदान किया। मेवाड़ हॅास्पीटल की ओर से शहीदी दिवस के अवसर पर ओर्थोंपेडिक व फिजियोथैरेपी का शिविर आयोजित किया गया। नवप्रीतसिंह ने बताया कि कॉलेज परिसर में जोड़ा घर (शूज रूम) में समाज के बच्चों व बड़ों ने स्वेच्छा से सेवाएं दे कर कार्यक्रम में आने वाले सभी के जूतों की देखभाल की।
इन्द्रजीतसिंह ने बताया कि कॉलेज के प्रांगण में आयोजित प्रतिभावान सम्मान कार्यक्रम में समाज के बुजुर्गो व ग्रन्थियों ने उन सभी सर्वश्रेष्ठ 51 बच्चों को स्मृतिचिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया, जिन्होनें,दसवीं, बारहवीं,स्नातक व उच्चतर शैक्षिक पाठ्यक्रमों में शीर्ष पर रहकर समाज का गौरव बढ़ाया। दो दिवसीय कार्यक्रम में यंग सिक्ख दल की टीम ने व्यवस्थाओं का जिम्मा लेकर तन-मन से सेवाएं दी। समाज की प्रबन्धन कमेटी ने दोनों दिन समाज को परिसर उपलब्ध करवानें एवं सभी कार्यक्रमों में भाग लेकर उन्हें सफल बनाने के लिए उदयपुर के समस्त गुरूद्वारों की कार्यकारिणी व संगत के प्रति आभार ज्ञापित किया।