आयकर बचाने के काफी बताए तरीके
उदयपुर। वरिष्ठ कर सलाहकार व टैक्स गुरु सुभाष लखोटिया ने कहा कि आयकर की दृश्टि से प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी फायदेमन्द नहीं है। आयकर व अन्य विभिन्न करों में बचत की दृष्टि से उद्यमियों के लिए प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी के बजाय लिमिटेड लायबेलिटी पार्टनरशिप (एल.एल.पी.) बनाना अधिक लाभदायक रहेगा।
आयकर अधिनियम के अनुसार कर्मचारी को जिन भत्तों व परिलाभों पर टैक्स में छूट प्राप्त है, उद्यमी भी उन रियायतों का लाभ प्राप्त कर सकता है। वे मंगलवार को उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की ओर से चैम्बर भवन के पी. पी. सिंघल सभागार में ‘‘आयकर की बचत हेतु निवेष नीति एवं कर योजना’’ विषयक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आयकर की बचत से ही धन में वृद्धि सम्भव है। लखोटिया ने क्रमवार रूप से आयकर अधिनियम के विभिन्न अधिनियमों की धाराओं, प्रोपटी/ज्वैलरी आदि की खरीद पर आयकर की कटौती तथा औद्योगिक संस्थानों अथवा व्यापारिक फर्म की आय-व्यय पर टैक्स की बचत करने की विभिन्न युक्तियों की जानकारी दी। श्री लखोटिया ने सेमिनार में उपस्थित महिलाओं को जानकारी दी कि पुरानी ज्वैलरी को बेच कर कॉस्ट इनफ्लेशन इण्डेक्स का लाभ लें तथा निवेश की दृष्टि से ज्वैलरी के स्थान पर सोने के बिस्कुट खरीदें। उन्होंने बताया कि पत्नी अपने पति, सास व ससुर के अलावा किसी से भी गिफ्ट प्राप्त कर सकती है जिस पर आयकर में पूर्णतया छूट है तथा पति अपनी पत्नी से ब्याज पर ऋण ले सकता है जिस पर ब्याज की दर एवं इसे वापस लौटाने की कोई समय सीमा तय नहीं है। उन्होंने आयकर एवं कराधान से संबंधित विभिन्न प्रावधानों की धाराओं की जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान समय में कर योजना एवं धन के उचित निवेश का महत्व बढ़ गया है। उन्होंने यूसीसीआई सदस्यों को सुझाव दिया कि उदयपुर में गोल्फ कोर्स तैयार करवाकर इसके संचालन एवं रख-रखाव के माध्यम से आय अर्जित करें।
लखोटिया ने निम्नस बातें बताईं :
अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करें।
यह सुनिश्चित करें कि आपका पूरा जीवन धन एकत्रित करने में ही नही बीत जाए।
स्वयं सक्षम बनने के साथ कर्मचारियों को भी आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का प्रयास करें।
यदि 50 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके है तो अपना वसीयतनामा अवश्य तैयार करें।
वसीयत के अन्त में यह अवश्य लिखें कि यह अन्तिम वसीयत है तथा दूसरी अन्य वसीयत रजिस्टर्ड होने पर ही वैध होगी।
अपनी आय का दो प्रतिशत पर्सनल चेरिटी पर खर्च करें।
जीरो कूपन टैक्स फ्री बॉण्ड, न्यू पेंशन स्कीम, प्रोपर्टी में निवेश करें।
देश में कृषि आय पूर्णतया कर मुक्त है अतः कृषि भूमि खरीदने में निवेश करें।
शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, चेरिटी ट्रस्ट आदि की आय भी आयकर से मुक्त है।
कम्पनी में कन्वेन्स अलाउन्स, यूनिफॉर्म अलाउन्स, हेल्पर अटेन्डेन्ट अलाउन्स, 15 हजार तक चिकित्सा खर्चे, लीव ट्रेवल अलाउन्स आदि आयकर से मुक्त है।
म्युच्व्ल फंड में सोच समझ कर निवेश करें।
महिलाएं पुरानी तथा काम में नहीं आ रही ज्वैलरी बेच कर अन्य साधनों में निवेश करें।
वरिष्ठ नागरिकों के लिये अलग आयकर फाईल तैयार कराएं।
नाबालिग बच्चों के नाम से ट्रस्ट बनाकर निवेश करें, इससे होने वाली आय माता पिता की आय में नहीं जुड़ेगी।
पुत्री के नाम से शत प्रतिशत स्पेसिफिक बेनिफिशयरी ट्रस्ट बनाकर निवेश करावें।
कभी भी अपने मकान के मालिकाना हक के कागज बैंक में गिरवी नहीं रखें।
पत्नी हेतु मेरिड वुमन प्रोपर्टी एक्ट की पॉलिसी में निवेश करें।
बेटा एवं बेटी के नाम प्रोपर्टी अलग अलग खरीदें।
प्रोपर्टी की इनकम पत्नी के नाम से दर्शायें।
स्वयं के रिहायशी मकान हेतु लिये गये ऋण पर एक लाख पचास हजार तक के ब्याज का भुगतान आयकर मुक्त होगा।
स्वर्ण आभूषणों के स्थान पर सोने के बिस्कुट खरीदें। अथवा गोल्ड ई.टी.एफ. में निवेश करें।
पत्नी द्वारा संचालित एक करोड़ तक के टर्न ओवर का व्यवसाय के मात्र आठ प्रतिशत पर आयकर लगेगा। इसके लिये बहीखाता रखने की आवश्यकता नहीं है। यदि आप सात पीढ़ी तक के लिये धन संचय कर रहे है तो आप स्वयं अपनी आने वाली पीढ़ी का अहित कर रहे है। अतः मात्र 3 पीढ़ी तक की चिंता करें तथा धन को चेरिटी कार्यो में खर्च करें। प्रश्न काल के दौरान लखोटिया द्वारा प्रतिभागियों की टैक्स सम्बन्धी प्रश्नोंर एवं जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। संचालन मानद महासचिव आशीष छाबडा ने किया। सेमिनार में करीब 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया। युवा उद्यमी सब कमेटी की चेयरपर्सन शिल्पा बापना ने लखोटिया को स्मृतिचिन्ह भेंट किया।