बिक्री पहुंची 88 लाख, दस दिवसीय क्राफ्ट हस्तशिल्प मेले का समापन
उदयपुर। रूडा (रूरल नॉन फार्म डवलपमेंट एजेंसी) की ओर से टाऊनहॉल में आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले ‘गांधी शिल्प बाजार 2013’ का समापन गुरुवार को हुआ। अंतिम दिन मेले में जनता की जबरदस्त भीड़ उमड़ पड़ी। विभिन्न शहरों से आए हस्तशिल्पकारों को गत दस दिनों में जनता से मिले अपार समर्थन के कारण इस बार खासी बिक्री हुई और यह आंकड़ा 88 लाख तक पहुंच गया।
उड़ीसा से आये शिल्पकार सैफ अली खान ने बताया कि पहली बार इस मेले में उड़ीसा से कॉटन व वेलवेट के फैन्सी बैग, लेम्प सेट, वॉल हेंगिंग, छोटा अम्ब्रेला, लेटर बॉक्स, विभिन्न प्रकार बैग्स के आइटम, हेण्ड पर्स ले कर आए हैं। इन सभी पर हाथ से कांच का वर्क किया हुआ है जिन्हें जनता ने काफी पसन्द किया। इस स्टॉल पर 50 से 350 रुपए के लेम्स् हु को काफी पसन्द किया गया। सैफ अली बताते है कि उड़ीसा में कॉटन की मिलें बंद होने के कारण अब वेलवेट कपड़े का प्रचलन बढ़ा है। इस कारोबार का भविष्य काफी उज्जवल है। उड़ीसा में करीब 1000 शिल्पकार इस कारोबार से जुड़े हैं।
रूडा के महाप्रबन्धक दिनेश सेठी ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी जनता ने शिल्पकारों की कला को पसन्द कर उनका हौसला बढ़ाया है। इस वर्ष रूडा ने 150 स्टालें आंवटित की थी लेकिन मेले के प्रति शिल्पकारों के बढ़ते रूझान के कारण जगह कम पड़ गई और उन्हें बाहर का स्थान आवंटित करना पड़ा जो मेले की सफलता को दर्शाता है।