उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय तथा स्थानीय वरिष्ठ नागरिक संस्थानों के संयुक्त तत्वावधान में वरिष्ठ नागरिक: समस्याएँ एवं चुनौतियाँ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी विश्वविद्यालय परिसर के मोहनलाल सुखाड़िया विवि ऑडिटोरियम में 22 दिसंबर से सुबह 10 बजे शुरू होगी।
भारतीय परिवेश में अधिकतर वृद्ध विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे हैं। एक तरफ उनकी आय के स्रोत कम हो रहे हैं तो दूसरी तरफ महंगाई में लगातार वृद्धि हो रही है। वृद्धों की बढ़ती उम्र के कारण वे भयानक बिमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। ऐसे व्यक्तियों को दूसरों पर आश्रित होना ही पड़ता है और उन्हें चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता होती है जो दिनों-दिन मंहगी और खर्चीली होती जा रही है। व्यक्ति की भावनात्मक स्थिति दर्दनाक स्थिति पैदा कर देती है। इसका कारण वृद्धों को नकारना एवं उनका गरीब होना है। इससे व्यक्ति भावुक बन कर मनोवैज्ञानिक समस्याएँ पैदा कर देता है। वृद्धों के दुःख, पीड़ा अथवा यातना का मुख्य कारण मनोवैज्ञानिक समस्याएं हैं। दबाव और थकान ऐसा कारण है जो जिन्दगी भर इन समस्याओं को बढ़ावा देती रहती है। संयुक्त परिवार में बिखराव भी इसका प्रमुख कारण है। इन सभी समस्याओं पर चिन्तन करने एवं इनका निराकरण करने हेतु संगोष्ठी के चार तकनीकी सत्रों में विश्वविद्यालय स्तर के विभिन्न विषय विशेषज्ञ अपने पत्र वाचन करेंगे। चिन्तन के प्रमुख बिन्दु होंगे – मनोवैज्ञानिक समस्याएं, वित्तीय एवं भौतिकीय संसाधन, उपेक्षा एवं दुर्व्यवहार, नीतियां एवं कार्यक्रम तथा वरिष्ठजनों की देखभाल: कुछ सफल प्रयास आदि। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. एम. एस. अगवानी होंगे। अध्यक्षता प्रो. आई. वी. त्रिवेदी करेंगे। समापन सत्र का आतिथ्य प्रो. ओ. पी. गिल करेंगे। विभिन्न विषयों पर पत्रवाचन करने वालों में आर. एन. मित्तल, मिश्रा, डॉ. अरूण बाली, डॉ. आभा चौधरी, डॉ. के.एल. पोखरना, श्री नीरज मेहता एवं डॉ. एस. हर्ष प्रमुख होंगे।