पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेनेजमेंट, मुस्कान फाउन्डेशन व परिवहन विभाग की संयुक्त कार्यशाला
उदयपुर। पहले खुद पर शासन करें और कानून की सख्तीन से पालना होनी चाहिए। विदेशों में नागरिक कानून की पालना करता है जबकि हमारे यहां कानून तोड़ने पर लोग खुशी अनुभव करते हैं।
ये विचार पेसिफिक पीजीडीएम कॉलेज, मुस्कान फाउन्डेशन एवं परिवहन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में पेसिफिक यूनिवर्सिटी सभागार में आयोजित कांफ्रेस में उभरकर आए। मुख्य अतिथि एडिशनल एस.पी. (ट्रेफिक) हर्ष रतनु, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मन्नालाल रावत, प्रो. प्रेसीडेन्ट प्रो. बी. पी. शर्मा एवं प्रो. विजयलक्ष्मी चौहान थी।
मीडिया प्रभारी डा. योगेश जैन के अनुसार कार्यशाला में आरम्भ में पीआईएमटी के निदेशक प्रो. के. के. दवे ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि कार्यशाला के आयोजन का मुख्य उद्देश्य उदयपुर में रोड एवं ट्रेफिक की बढ़ती समस्याओं पर विचार करना है। आरंभिक उद्बोधन में प्रो. बी. पी. शर्मा द्वारा भारत एवं दुबई तथा चीन जैसे देशों में तुलना करते कानून की सख्ती से पालना पर जोर दिया गया। मुस्कान फाउण्डेशन के अश्विनी बग्गा ने हाइवे को सुरक्षित बनाने के लिए कुछ रोड इंजीनियरिंग संबंधित सुझाव दिये। उन्होंने बताया हाइवे के अंधें मोड़ों पर गति कम करने के उपाय किये जाने चाहिए और बताया कि हाइवे पर व शहरी सड़कों पर सड़क किनारे व डिवाइडर पर उगे हुए पेड़ पौधे चालक की दृश्यता को बाधित करते हैं। मुस्कान की निशा बग्गा ने आमजन में सड़क सुरक्षा की जानकारी होने का अभाव बताया और बताया कि उनकी संस्था लायंस क्लब के सहयोग से उदयपुर के हाइवे क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा, ट्रेफिक नियमों की जानकारी व प्राथमिक चिकित्सा के प्रसार का कार्य कर रही है और जल्द ही ट्रेफिक पुलिस भी इस अभियान से जुड़ेगी। कार्यशाला को संबोधित करते हुए डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मन्नालाल रावत ने राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा रोड़ सेफ्टी हेतु किये जा रहे, विभिन्न प्रयासों का ब्योरा दिया।
अति. पुलिस अधीक्षक (ट्रेफिक) हर्ष रतनू ने रोड़ एवं ट्रेफिक समस्या के निवारण हेतु माता-पिता द्वारा बच्चों में संस्कार देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अन्य देशों से भारत की तुलना करते हुए कहा कि वहां नागरिक स्वयं कानून की पालना करता है, जबकि भारत में कानून उल्लंघन करने पर लोग खुशी का अनुभव करते है। प्रो. विजयलक्ष्मी चौहान ने रोड़ एवं ट्रेफिक प्रबंधन हेतु शिक्षा, रिसर्च एवं एक्सटेंशन पर जोर दिया इन तीनों के सम्मिलित प्रयासो से बेहतर प्रबंधन किया जा सकता है। उन्होंने 3-एच की व्याख्या कर कहा कि यह हार्ट, हेड़ एंड हेण्ड़ पर नियंत्रण रखकर रोड़ एक्सीडेंट पर नियंत्रण किया जा सकता है।
अंत में विभिन्न कॉलेजों के सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने विचार व्यक्त किये। कार्यशाला में लायंस क्लब के अध्यक्ष एन एन अग्रवाल, रोशनलाल जैन, सुनील परिहार समेत विभिन्न कॉलेजों व विद्यालयों के प्रतिनिधि मौजूद थे। कार्यशाला के समन्वयक डॉ. योगेश जैन, श्वेता औदिच्य एवं प्रियंका शर्मा थे।