सेंटपॉल सीनियर सैकण्डरी स्कूल का हीरक जयन्ती समारोह
उदयपुर। राज्यपाल मार्गरेट आल्वा ने गुणात्मक शिक्षा से समाज की सोच में व्यापक बदलाव लाने की आवश्यकता जताई। राज्यपाल शनिवार को सेंटपॉल सीनियर सैकण्डरी स्कूल के हीरक जयन्ती समारोह को संबोधित कर रही थीं।
आल्वा ने विद्यालय को बालिका शिक्षा से जोड़ने को बालिकाओं के सशक्तीकरण एवं उत्थान की अनुकरणीय पहल बताया और कहा कि आज के दौर में बालिकाएं हर क्षेत्र में आगे हैं। बालिकाओं की स्थिति में और सुधार के लिए उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मुहैया कराने की महती जरूरत है।
आज हमारे देश की महिलाओं और बेटियों के साथ जो हिंसा हो रही है एवं उन पर कोख से ही अत्याचार किए जा रहे हैं, उसे हमारे देश का कानून भी अकेले ठीक नहीं कर सकता। समाज को अपने बच्चों में भेदभाव रोककर बेटे व बेटियों के साथ एक समान व्यवहार करना प्रारंभ करना होगा। विद्यालयों से बेहतर माध्यम कोई नहीं हो सकता है, जो महिलाओं की इज्जत करना सिखा सकते हैं, एवं महिलाओं के हौंसले को बढा़ सकते हैं। आज महिलाओं के आत्मविश्वास में बढो़तरी की जरूरत है। जिससे वे इसे सम्मानपूर्वक जी सकें।
राज्यपाल ने बिशप देवप्रसाद घणावा, पूर्व प्राचार्यगण एवं पूर्व में सीनियर सैकण्डरी स्तर पर उत्कृष्ट परिणाम देने वाले छात्रों को शॉल ओढा़कर सम्मानित किया। राज्यपाल आल्वा का भी शॉल एवं स्मृति चिन्ह से अभिनंदन किया गया। शाला प्राचार्य जॉर्ज वी. जे. ने विद्यालय का प्रतिवेदन पढा़। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। समारोह में संभागीय आयुक्त डॉ.सुबोध अग्रवाल, विशप देवप्रसाद गनावा, विशप जोसेफ पतालिल, फादर मार्शल, फादर जार्ज वी.जे., प्रिन्सीपल सेंट पॉल्स सीनियर सैकण्डरी स्कूल, सभी अध्यापकों, छात्रों एवं उनके अभिभावकों ने भाग लिया।