पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के बधिरता निवारण अभियान
उदयपुर। कोटा के विधायक भवानीसिंह राजावत ने कहा कि रोगियों को सर्वथा निशुल्क चिकित्सा का यह पावन यज्ञ, मानवता की सबसे बड़ी सेवा है। भारत जैसे देश में जहां बड़ी संख्या में रोगी धनाभाव में अपना इलाज नहीं करा सकते हैं, वहां ऐसे निःशुल्क चिकित्सा अभियान देश की पहली आवश्यकता है।
वे शुक्रवार को पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के तत्वावधान में एक माह से चल रहे मूक-बधिर रोगियों में बहरेपन के निवारण एवं स्पीच थैरेपी अभियान के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन राहुल अग्रवाल ने बधिरता निवारण अभियान के अन्तर्गत क्षेत्र से मूक-बधिरता को पूरी तरह समाप्त करने का संकल्प जताया। जो लोग सुन व बोल नहीं सकते हैं, इसलिए इस कार्यक्रम के अन्तर्गत बधिर बच्चों को श्रवण यंत्र देकर उन्हें सुनने की सामर्थ्य प्रदान की जाती है। इसके बाद उन्हें स्पीच थैरेपी की आवश्यकता होती है, जिससे इन्हें समझने व सुनने का सामर्थ्य विकसित हो सके। विशिष्ट अतिथि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूेरो के अतिरिक्त् पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल, इकोन इण्डस्ट्रीज के प्रबन्धक डॉ. जितेन्द्र तायलिया उपस्थित थे। अतिथियों के स्वागत उदबोधन में प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने कहा कि हॉस्पिटल में रोजाना लगभग 1200 मरीज इलाज करवाने आते हैं तथा हॉस्पिटल में मरीज के साथ उसके एक अटेण्डेण्ट को भी निशुल्क भोजन व रहने की व्यवस्था की जाती है।
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के ईएनटी डिपार्टमेन्ट के प्रोफेसर एण्ड हेड प्रो. पी. सी. अजमेरा ने बताया कि देश का यह पहला अभियान है, जहां बहरे लोगों को मेचिंग मशीन प्रदान की गई ताकि ऐसे लोगों की श्रवण क्षमता का विकास हो सके। आवश्यकतानुरूप मूक- बधिर बच्चों को सुनने की 35 हजार रुपए तक की ग्राण्ट मास्टर विशेष श्रवण मशीन तक निशुल्क प्रदान की गई। विशेष अभियान में मूक एवं बधिर बच्चों का स्पीच थैरेपी का भी प्रशिक्षण भी दिया गया। कार्यक्रम में इलाज के लिए यहां आए हुए डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, राजसमन्द, चित्तौड़, पाली, प्रतापगढ़ एवं मध्य प्रदेश के भी कई स्थानों से लोग शामिल हुए। कोक्लियर इम्प्लाण्ट ऑपरेशन भी रियायती दर पर किए जाएंगे। संचालन दिशा फत्तावत, पूजा देवीजा व शिवानी कावड़िया ने किया।