रियूनियन में आए सेंट पॉल्स में 1989 बैच के छात्र
कुछ देर के लिए बचपन में लौटीं हस्तियां
उदयपुर। वर्ष 1989 में सेंट पॉल स्कूल से बारहवीं पास करने के बाद देश-दुनिया में नाम कमाकर अपने-अपने क्षेत्र में प्रसिद्ध हो चुके छात्र गुरुवार सुबह कुछ देर के लिए ही सही, अपने बचपन में लौट गए। वही स्कूल, वही शिक्षक और वही पुरानी दोस्त-मंडली।
स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के बीच इन पुराने छात्रों का आपस में मिलन हुआ तो एकबारगी मानो फिर से बच्चे बन गए। किसी ने खट्टे-मीठे संस्मरण सुनाए तो किसी ने गीत गाकर सबको थिरकने पर मजबूर कर दिया। पुराने दोस्तों से मिलने के साथ पूर्व छात्रों को तत्कालीन गुरुजन का अभिनन्दन कर आशीर्वाद लेने का अवसर भी मिला।
मौका था सरदारपुरा स्थित सेंट पॉल स्कूल में वर्ष 1989 बैच के छात्रों के रजत जयन्ती समारोह का। गुरुवार सुबह आयोजित ‘रियूनियन’ कार्यक्रम के तहत उक्त बैच के छात्रों का मिलन हुआ। वर्ष 1989 के बैच में बारहवीं कक्षा में 70 छात्र थे, जिनमें से ज्यादातर छात्र इस कार्यक्रम में शरीक हुए। वर्तमान छात्र-छात्राओं और स्कूल परिवार ने इन सभी का स्कूल परिसर में गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद संस्मरण सुनाने का दौर चला तो कभी पूर्व छात्र और कभी पूर्व शिक्षकों ने अपनी-अपनी यादें ताजा की। एक-एक संस्मरण पर हजारों तालियां बजी और जमकर ठहाके लगे।
तब के छात्रों ने देस-दुनिया में कमाया नाम
समारोह में सबसे पहले पूर्व छात्र एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. आनन्द गुप्ता ने विद्यालय की नींव रखने वाले अध्यापकों के विषय में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 1989 के बैच में से आज कोई ख्यातनाम डॉक्टर है तो कोई कुशल इंजीनियर, कोई बड़ा उद्यमी तो कोई कद्दावर नेता। कोई फिल्म जगत में अपनी छाप छोड़ रहा है। पूर्व छात्र डॉ. अतुल अडानिया ने भी विचार रखे। इसके बाद मंच पर आए दीपक मोगरी ने सभी पूर्व छात्रों को मंच पर बुलाया और स्कूल पर स्वरचित गीत गाया। इस सामूहिक गान के दौरान पूर्व छात्रों और शिक्षकों को झूमते देख वर्तमान छात्रों का उत्साह देखने लायक रहा। पूर्व छात्रों को झूमते देख वर्तमान छात्र भी तालियों के बीच झूम उठे।
गूंजे ‘भैरोसिंह’ के डायलॉग
टीवी सीरियल बालिका वधू में आनंदी के पिता का किरदार निभा रहे ‘भैरोसिंह’ भी सेंट पॉल में वर्ष 1989 में बारहवीं में पढ़ते थे। वह भी समारोह में उपस्थित हुए, जिन्होंने सीरियल के डायलॉग सुनाए। इस पर बच्चों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया।
तत्कालीन गुरुजन का सम्मान
समारोह में पूर्व छात्रों ने तत्कालीन गुरुजन का सम्मान किया। इनमें प्रेमशंकर त्रिवेदी, शंभुदत्त शाकद्वीपीय, जॉर्ज कुट्टी, अब्दुल रशीद, सुंदरलाल दक, अजीत महावत, एलके त्रिवेदी, वीना जुनेजा, मैगी डिसूजा, प्रतिभा गर्ग, ब्रिजिड डिसूजा, कुसुम गोस्वामी, सुशीला माथुर शामिल थे।