बेटी बचाओ नाट्य प्रस्तुति से कन्या भ्रूण बचाने का संदेश
ज्ञानशाला का वार्षिकोत्सव
उदयपुर। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कहा कि अपने बच्चों को किसी से कमतर नहीं आंके। वे स्वयं में बहुत प्रतिभा लिए हुए हैं। जरूरत सिर्फ उस प्रतिभा को पहचानने की है। हर बच्चा हर काम नहीं कर सकता। उसकी खूबी को पहचानें और उसे अपने मनपसंद के क्षेत्र में बढऩे को प्रोत्साहित करें।
वे शनिवार से शुरू हुए आचार्य तुलसी स्मृति जन्म शताब्दी वर्ष समारोह के तहत होने वाले त्रिदिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन आयोजित ज्ञानशाला के वार्षिकोत्सव में मौजूद ज्ञानशाला के अभ्यर्थियों एवं अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे।
आरंभ में मंगलाचरण अर्हम अर्हम की वंदना से हुआ। ज्ञानशाला के निदेशक फतहलाल जैन ने स्वागत भाषण दिया। ज्ञानशाला के अभ्यर्थियों ने संगीता पोरवाल के संयोजन में तैयार आचार्य श्री तुलसी को समर्पित नाटक का मंचन कर सभी का मन मोह लिया। अनेकता में एकता को दर्शाता पांच राज्यों राजस्थान, कश्मीर, गुजराती, तमिल एवं पंजाबी के नृत्य ने सभी को लुभाया। देश रंगीला रंगीला… से नृत्य का समापन हुआ।
कार्यक्रम संयोजिका प्रतिभा इंटोदिया ने बताया कि वायु, धरती, पर्यावरण, पानी की आज के युग में महत्ता बताते हुए इस पर आधारित बच्चों ने स्केटिंग डांस प्रस्तुत किया। इसी प्रकार प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टाइन पर आधारित अंग्रेजी नाटक का मंचन किया गया। म्हारा हाथां में चुड़लो खनके… पर आकर्षक राजस्थानी नृत्य पर पूरा सभागार ओम अर्हम की ध्वनि से गूंज उठा। तेरापंथ के आद्य प्रवर्तक आचार्य श्री भिक्षु को समर्पित एक गुरु एक पंथ निराला शीर्षक का गीत प्रस्तुत कर बच्चों ने अपने गुरु का स्मरण किया। युग की जरूरत के अनुसार हमारी बेटियां हमारा गौरव विषयक नाट्य प्रस्तुति आकर्षक बन पड़ी। प्रशिक्षिकाओं ने भी नृत्य पेश किया। मुख्य प्रशिक्षिका सुनीता बैंगानी ने आभार जताया। संचालन सोनिका जैन ने किया। कार्यक्रम में सभा के संरक्षक शांतिलाल सिंघवी, मंत्री अर्जुन खोखावत, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष धीरेन्द्र मेहता, मंत्री अभिषेक पोखरना, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष मंजू चौधरी, मंत्री दीपिका मारू सहित समाज के युवा, महिलाएं, वृद्ध एवं बच्चे मौजूद थे।
सभाध्यक्ष फत्तावत ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत 12 जनवरी को भुवाणा स्थित महाप्रज्ञ विहार में आचार्य तुलसी वरिष्ठ नागरिक संस्थान का अधिवेशन होगा। तीसरे व अंतिम दिन 13 जनवरी को यहीं महाप्रज्ञ विहार में आध्यात्मिक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।