मकर संक्रांति पर महाप्रज्ञ विहार में आध्यात्मिक कार्यशाला एवं खेलों का आयोजन
उदयपुर। प्रत्येक धर्म में आराधना के विविध रूप बताए गए हैं। जैन धर्म में भी आराधना का उल्लेख विभिन्न रूपों मिलता है। आचारांगसूत्र में आचार के पांच भेद सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चारित्र, तप एवं वीर्य बताते हुए साधक को इनकी आराधना करने को कहा गया है वहीं सूत्रकृतांग में सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चारित्र व तप चारों को साधक को समाधि के लिए आचरण करने का निर्देश दिया गया है।
वे आचार्य तुलसी स्मृति जन्म शताब्दी वर्ष समारोह के तहत मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में भुवाणा स्थित महाप्रज्ञ विहार में जैन परम्परा में आराधना एवं उसकी सामयिक महत्ता विषयक आध्यात्मिक प्रषिक्षण कार्यषाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में यहां हुए विभिन्न खेलों चम्मच रेस, दरी रेस, सितोलिया में महिलाओं ने खासी संख्या में उत्साह से भाग लिया। डॉ. जैन ने कहा कि जैन परम्परा में कहा गया है कि सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान, सम्यक् चरित्र एवं सम्यक तप के उद्योतन, उपवन, निर्वहन को आराधना कहते हैं। सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चारित्र व तप इन चारों आराधनाओं का समाविष्ट दो आराधनाओं सम्यग्दर्शन एवं सम्यक चारित्र में कर दिया गया है लेकिन ज्ञान की आराधना करने से दर्षन की आराधना भजनीय है। इसी प्रकार सम्यग्दर्शन के स्वरूप को स्पष्ट करते हुए तत्वार्थसूत्र में तत्वों के अर्थ को समझने और उनमें विष्वास करने को सम्यग्दर्शन कहते हैं।
सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि इन आध्यात्मिक कार्यशालाओं व खेलों से न केवल गृहस्थ महिलाओं के ज्ञान में वृद्धि होती है बल्कि खेलों के कारण उनका स्वस्थ मनोरंजन भी होता है। उन्होंने बताया कि अगली कार्यशाला 24 फरवरी को अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में होगी।
आरंभ में मंगलाचरण शशि चह्वाण, सीमा कच्छारा एवं सरिता कोठारी ने किया। इस अवसर पर जनवरी माह में जन्मदिन वाली सदस्याओं अनिता बाबेल, आशा हरकावत, बसंत कंठालिया, दक्ष सिंघटवाडिय़ा, केसर तोतावत, कुसुम करणपुरिया, तारा कोठारी, मंजू चौधरी, निर्मला पोरवाल, नूतन कोठारी, प्रणिता तलेसरा, प्रतिभा इंटोदिया, राजुल सिंघवी, सरिता कोठारी, शकुंतला पोरवाल एवं विभा कोठारी का सम्मान किया गया।
पिछली कार्यशाला की आध्यात्मिक प्रश्नोित्तरी की विजेता महिलाओं आजाद तलेसरा, चन्द्रा बोहरा, संगीता कावडिय़ा, संगीता चपलोत, बसंत कंठालिया, प्रतिभा इंटोदिया, सरोज सोनी, सुशीला मांडोत को मुख्य अतिथि ने पुरस्कृत किया। वर्ग पहेली की विजेताओं रष्मि पगारिया, रागिनी सिंघटवाडिय़ा एवं आजाद तलेसरा को क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए। संचालन शषि चह्वाण ने किया।
मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में आयोजित विभिन्न खेलों में महिलाओं ने जमकर उत्साह दिखाया। चम्मच रेस में तो स्पर्धाएं देखने लायक थीं। खेलों के संयोजन में सरोज सोनी, संगीता चपलोत, मंजू फत्तावत, सोनल सिंघवी, प्रणिता तलेसरा, मोनिका कोठारी, कंचन नगावत ने सहयोग किया। अतिथि सम्मान की परंपरा का निर्वहन शांतिलाल सिंघवी, दीपक सिंघवी, अभिषेक पोखरना एवं विनोद मांडोत ने किया।