बोहरा समुदाय स्ताब्ध , मस्जिदों में मातम, बोहरवाड़ी में बाजार बंद
उदयपुर। एक बार फिर शुक्रवार बोहरा समुदाय के लिए ब्लैक फ्राइडे साबित हुआ। समुदाय के धर्मगुरु डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन का सुबह मुंबई के वालकेश्वर स्थित सैफी महल में इंतकाल हो गया। यह समाचार सुन बोहरा समुदाय का हर व्यक्ति स्तब्ध रह गया। तुरत फुरत बोहरवाड़ी सहित अन्य बोहरा समुदाय के प्रतिष्ठान बंद हो गए। मस्जिदों में कुरान की तिलावत की गई।
उल्लेखनीय है कि 1952 में धर्मगुरु की पदवी संभालने वाले डॉ. सैयदना साहब का आदेश समुदाय के लिए कानून बन जाता था। समुदाय के लोगों की उनमें काफी आस्था थी। निधन का समाचार आते ही यहां बोहरवाड़ी में शोक की लहर छा गई। बोहरा समुदाय के सभी व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर मातम मनाने के लिए मस्जिदों में एकत्र होना शुरू कर दिया। उनके अंतिम दर्शनों के लिए सैकड़ों श्रद्धालु अपने निजी वाहनों से मुंबई रवाना हो गए तो कई शाम को ट्रेवल्स से रवाना हुए। कुछ ने फ्लाइट भी पकड़ी। दुनिया भर से उनके अनुयायी मुंबई पहुंचे। डॉ. सैयदना ने जीवनभर अपने समुदाय की रहनुमाई की। उन्होंने सदैव प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। वे हिंदुस्तान से बहुत प्रेम करते थे और अपने अनुयायियों को भी मुल्क की खिदमत का संदेश देते थे। गत 25 मार्च 2011 को उनका सौवां जन्मदिन विश्व भर में हर्षोल्लास से मनाया गया था।
देहात कांग्रेस ने जताया शोक : देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष लालसिंह झाला, प्रवक्ता हेमन्त श्रीमाली, सचिव कमलसिंह चौधरी, सैयद मुर्तजा हुसैन साबरी, देवेन्द्रसिंह शक्तावत, महामंत्री भगवतीलाल खटीक, हरिसिंह झाला, व्यापार प्रकोष्ठ के धर्मसिंह सुहालका, ओबीसी प्रकोष्ठ के नटवर कुमावत, शाहिद हुसैन ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि सैयदना साहब ने अपने धर्म के सिद्धान्तों के साथ सामाजिक समरसता का वातावरण तैयार करने में अग्रणी भूमिका निभाई। सैयदना साहब के निधन से न केवल बोहरा समुदाय बल्कि धार्मिक आस्था रखने वाला पूरे वर्ग को अपूरणीय क्षति हुई है।
कटारिया ने जताया शोक : ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि डॉ. सैयदना सम्पूर्ण समाज के रहनुमा थे। उनके श्रीमुख से निकला एक-एक शब्द बोहरा समाज के लिए अमर संदेश होता था। भाजपा शहर जिला कार्यकारिणी ने भी धर्मगुरु के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया।