FS पर हुआ नुक्क‘ड़ नाटक का मंचन
उदयपुर। उदयपुर की नाट्य संस्था नाट्यांश द्वारा एक नुक्कड़ नाटक ‘‘सभा का सार’’ का मंचन फतहसागर की पाल पर किया गया। जैसा कि हम सभी जानते है कि हमारे देश मे हर समस्या का समाधान सभाओं के माध्यम से ही निकलता है, और इन सभाओं में होने वाले खर्चे और घोटालो से भी हम भलीभांति परिचित है। पर आज भी हमारे देश में एसी ही कई सभाएँ बिना किसी उचित नतीज़े के समाप्त हो जाती है।
नाट्यांश के द्वारा फतहसागर की पाल पर मंचित नुक्कड़ नाटक ‘‘सभा का सार’’ भी ऐसे ही विषय पर बात करता है। नुक्कड़ में बताया गया कि कैसे हम सभाओं में अहम मुद्दे को छोड़कर कई दुसरें मसलों पर चर्चाएं शुरू कर देते है और सभाओं को बिना किसी उचित नतिजे के समाप्त करना होता है। साथ ही हम एसी ही एक नई सभा की योजनाएं शुरू कर देते है।
नुक्कड़ के संयोजक मोहम्मद रिजवान मंसुरी ने बताया कि नाट्यांश द्वारा निर्देशित नाटक का लेखन अमित श्रीमाली द्वारा किया गया। नाटक के कलाकारों में अश्फ़ाक नुर ख़ान पठान, महेन्द्र ड़ांगी, अब्दुल मुबिन खान पठान, विशाल राज वैष्णव और रेखा सिसोदिया ने अपने अभिनय की छाप छोडी़।
नाटक का सारांश : नुक्कड़ नाटक ‘सभा का सार’ सरकारी एवं गैर सरकारी महकमें मे अक्सर होने वाली सभाओं पर आधारित हैं, जो बिना किसी उचित नतिजे के समाप्त हो जाती हैं। एसी ही एक सभा ‘शिक्षा और शिक्षण के नये आयामों‘ पर चर्चा करने आयें लोग भी शिक्षा सम्बन्धित चर्चा को छोड़ देश में व्याप्त बाकी समस्याओ पर चर्चा कर लौट जाते हैं। जिससे इस सभा में हुआ खर्चा व्यर्थ हो जाता है।