बैठक में जिला कलक्टर ने जल्द कार्य करने को कहा
275 करोड़ रुपए खर्च होंगे पूरे प्लान पर
उदयपुर। अगर सब कुछ योजनानुसार हुआ तो उदयपुर को वेनिस बनाने का सपना साकार हो सकेगा। आयड़ नदी विकास परियोजना को लेकर वेपकोस लिमिटेड कंपनी के आज दिए गए पावर प्रजेन्टेीशन को गौर से देखते हुए उन्होंकने राजकीय विभागों के अधिकारियों को इसमें आ रही प्रारंभिक बाधाओं को दूर करने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर आशुतोष ए. टी. पेडणेकर ने बताया कि वेप्कोस के सर्वेनुसार परियोजना में सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान सहित पूरे प्रोजेक्ट पर अनुमानत: 275 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बैठक में आयड़ के प्रवाह को सुचारू रूप से चलाने, नदी किनारे के सौन्दर्यीकरण व नदी के पानी में प्रदूषण को समाप्त करने के सभी तरीकों पर विस्तृत विश्लेषण व चर्चा की गई।
जिला कलक्टर ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को प्रारंभ करने से पूर्व सभी आवश्यक कार्य शीघ्रतापूर्वक आरंभ किए जाएंगे। इनमें यूआईटी द्वारा भूमि का चिन्हीकरण, नदी किनारे की सड़क व फुटपाथ के बेहतरीन डिजाइन व हाईफ्लड लाइन का कार्य तुरन्त शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शहर में मानसून से पूर्व सीवर ट्रीटमेन्ट प्लान पर तुरन्त कार्य प्रारंभ किया जाना आवश्यक है ताकि सरकारी धनराशि स्वीकृत होने के बाद इस परियोजना को शीघ्रातिशीघ्र पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि नदी के सौन्दर्यीकरण द्वारा पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकेगा जिससे झीलों की नगरी उदयपुर को वेनिस बनाने का सपना भी पूरा हो सकेगा। वेप्कोस लिमिटेड के प्रतिनिधि ने प्रोजेक्ट पर विस्तृत चर्चा करते हुए जिला कलक्टर का नदी में फैले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपायों पर ध्यान आकर्षित किया।
रिहायशी इलाकों, नदी किनारे बसे गांवों व उद्योगों द्वारा लगातार अपशिष्ट नदी में मिलने से आयड़ अत्यधिक प्रदूषित हो रही है। जानवरों का लगातार आवागमन, बरसाती पानी द्वारा रेत व मिट्टी का पानी में जमा होना, रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग भी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। जिला कलक्टर ने सभी सुझावों को ध्यानपूर्वक सुनने के बाद सीवर ट्रीटमेन्ट प्लान व वैज्ञानिक प्रबंधन द्वारा इन पर रोक लगाए जाने के उपायों पर चर्चा की। औद्योगिक अपशिष्ट के निस्तारण के लिए भी छोटे-बडे़ सभी उद्योगों को साथ मिलकर या व्यक्तिगत रूप से कदम उठाने आवश्यक है। बैठक में वेप्कोस लिमिटेड के प्रतिनिधि व इंजीनियर्स के साथ नगर निगम महापौर रजनी डांगी और नगर विकास प्रन्यास के सचिव डॉ. आर. पी. शर्मा भी मौजूद थे।