2 फरवरी को गंगाशहर में दीक्षा लेगा पदराड़ा का नौ वर्षीय बालक
उदयपुर। मैं इस उम्र में दीक्षा ले रहा हूं लेकिन मुझे आश्चर्य है कि आपने अब तक इतनी उम्र में भी दीक्षा क्यों नहीं ली। अगर मुझसे कुछ कहने-सुनने में गलती हुई हो तो सभी से खमतखामणा और सामूहिक क्षमायाचना करता हूं।
आगामी 2 फरवरी को आचार्य तुलसी की महाप्रयाण स्थली गंगाशहर में गोगुंदा तहसील के पदराड़ा निवासी मुमुक्षु प्रिंस बापना ने जब ये विचार व्यक्त किए तो सभागार में मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं। मौका था मंगलवार दोपहर अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में मुमुक्षु प्रिंस बापना के मंगल भावना समारोह का जो उदयपुर तेरापंथ समाज की ओर से आयोजित किया गया। गोगुंदा के समीप पदराड़ा निवासी नौ वर्ष और दो महीने की आयु में दीक्षा के लिए तैयार प्रिंस ने सभागार में मौजूद उनकी माता निर्मला देवी सहित अन्य महिलाओं की आंखों से अश्रुधारा बहने पर कहा कि अगर यहां कोई भी रोएगा तो मैं आगे नहीं बोलूंगा। उनके वक्तव्य में दृढ़ विश्वास देखकर उनके पिता कांतिलाल बापना का सीना गर्व से तन गया।
इससे पूर्व तेरापंथ सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कहा कि सांसारिक जीवन से वैराग्य जीवन में जा रहे मुमुक्षु प्रिंस से हम उम्मीद करते हैं कि न सिर्फ तेरापंथ धर्मसंघ और अपने परिवार बल्कि मेवाड़ को भी गौरवान्वित करेंगे। बच्चों में बाल्यपन और चंचलता दीक्षित होने के बाद न सिर्फ समाप्त हो जाती है बल्कि उसकी प्रतिभा निखरकर आती है। धर्मसंघ में चातुर्मास करने वाले नन्हें साधुओं को देखकर हम यह आसानी से महसूस कर सकते हैं। धन्य हैं मुमुक्षु की मातुश्री निर्मलादेवी जिन्होंने बच्चे को गुरु सान्निध्य में जाने की स्वीकृति दी। सभा के संरक्षक शांतिलाल सिंघवी ने कहा कि मुमुक्षु प्रिंस को देखकर हर्ष के साथ गर्व महसूस हो रहा है कि हमारे क्षेत्र से एक नन्हा बालक दीक्षा की ओर अग्रसर है। गुरु के सान्निध्य में रहकर इन्होंने अपना भव सुधार लिया।
तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष धीरेन्द्र मेहता ने कहा कि परिषद को मुमुक्षु के अभिनंदन का मौका मिला। इससे हम स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। मंत्री अभिषेक पोखरना ने कहा कि मुमुक्षु प्रिंस के बाल्यपन एवं चंचलता को देकर आश्चर्य हुआ जब उन्होंने कहा कि मैं उदयपुर घूमना चाहता हूं लेकिन गुरु का सान्निध्य बालपन और चंचलता को भी गांभीर्यता में बदल देता है। ज्ञानशाला की संगीता पोरवाल, महिला मंडल की मंत्री दीपिका मारू, समाज के वरिष्ठ श्रावक कस्तूरचंद सिंघवी ने भी विचार व्यक्त किए। मंगलाचरण शशि चह्वाण एवं सरिता कोठारी ने किया। आभार ओम खोखावत ने जताया। संचालन अर्जुन खोखावत ने किया। इससे पूर्व मुमुक्षु प्रिंस का तेरापंथ सभा एवं युवक परिषद की ओर से तिलक, माल्यार्पण, उपरणा एवं शॉल ओढ़ा तथा साहित्य भेंटकर सम्मान किया गया।