गुरु नानक देव चल वैजयंती हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता
उदयपुर। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, रजिया सुल्तान, रानी पद्मिनी, इन्दिरा गांधी, प्रतिभा पाटिल आदि ऐसी नारियॉं है जिन्होंने अपनी साहस व आत्मविश्वास से नारी को सुरक्षा का संदेश दिया है। अगर महिला अपने जीवन में साहस का संचार करे तो महिला अत्याचार, शोषण व बलात्कार जैसी घटनाओं का खात्मा किया जा सकता है। विपक्ष के प्रतिभागियों का मानना था कि नारी का साहस व आत्मविश्वास ही उसकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है। इन्दिरा गांधी साहसी व आत्म विश्वासी होते हुए भी अपनी ही सुरक्षा कर्मियों द्वारा असुरक्षित हो गई।
कुछ ऐसे ही उदबोधन सुनने को मिले गुरु नानक कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 17 वीं अखिल राजस्थान गुरू नानक देव चल वैजयंती हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता में। विषय ‘नारी का साहस व आत्म विश्वास उसकी सुरक्षा का परिचायक है’ था। परिणामों के तहत मुख्य अतिथि ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने रामकिशन शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्रतिभागियों को चल वैजयंती पुरस्कार प्रदान किया।
प्राचार्य प्रो. एन. एस. राठौड़ ने कहा कि नारी का साहस व आत्मविश्वास उसकी सुरक्षा का परिचायक है विषयक वाद-विवाद प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि विधायक फूलसिंह मीणा, विशिष्ठ अतिथि मोहिंदरपाल सिंह लिखारी, डी. एस. पाहवा व अमृत मेनारिया थे। अध्यक्षता अमरपाल सिंह पाहवा ने की। कार्यक्रम में 10 महाविद्यालयों के 20 प्रतिभागियों ने विषय के पक्ष व विपक्ष में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विधायक फूलसिंह मीणा ने कहा कि महिला को अपने आपको इतना सबल बनाना होगा ताकि उसका कोई शोषण नहीं कर सके। महिला में साहस व आत्मविश्वास का संचार शिक्षा ही करती है। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं के बारे में सोच को बदलने की आवश्यकता है। नारी के प्रति श्रद्धा हमारे सनातन धर्म का परिचायक है।
कार्यक्रम में चल वैजयंती का पुरस्कार गुरुनानक कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने जीती लेकिन प्रतियोगिता के नियमों के अनुसार मेजबान चल वैजयंती का अधिकारी नहीं होता है इसलिए द्वितीय स्थान प्राप्त रामकिशन बी. एड. कॉलेज के प्रतिभागी प्रेम वंदन चौहान व श्रवणकुमार सरगरा को प्रदान किया गया। व्यक्तिगत पुरस्कारों के तहत हिमांद्री शर्मा को प्रथम 2100/- रूपये का, नेहा पानेरी को द्वितीय 1500/-रू. का, प्रेमावंदन चौहान को तृतीय 1100/-रू. का तथा मिताली भावनानी को 501/-रू. का सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। निर्णायक आशीष सिसोदिया, सरला शर्मा व श्वेता व्यास थे। संचालन संयोजक अनिल चतुर्वेदी ने किया व धन्यवाद उपाचार्या डॉ. अनुज्ञा पोरवाल ने दिया।