सांसद ने रेलमंत्री को लिखा पत्र
उदयपुर। इस माह यूपीए सरकार का आखिरी रेल बजट आने वाला है। उदयपुर में रेलवे सुविधाओं को लेकर सांसद रघुवीर मीणा ने रेलमंत्री को पत्र लिखकर अहमदाबाद आमान परिवर्तन सहित अन्य मांगों को लेकर एक पत्र लिखा है। मीणा ने बताया कि वे दिल्लीी में रेलमंत्री से जल्द ही मिलेंगे और इस बार के रेल बजट में उदयपुर को प्रमुखता दिलाने का आग्रह करेंगे।
मीणा ने पत्र में कहा कि वर्तमान में उपलब्धर रेल यातायात के साधनों में मामूली तब्दीेली करके भी पर्यटन की दृष्टि से सुगम बनाया जा सकता है। उदयपुर-हिम्मतनगर आमान परिवर्तन को लेकर पांच बजट में सिर्फ 24 करोड़ रुपए आवंटित करने से लागत में वृद्धि का उल्लेगख करते हुए उन्होंबने 300 करोड़ रुपए आवंटित करने की मांग की है ताकि दिल्ली-मुम्बई के मध्य एक नया रेल मार्ग विकसित हो सके। उदयपुर में खनिज जिसमें जिंक, रॉकफास्फेट, मार्बल, लाईटम स्टोन जैसे मिनरल्स का लदान काफी मात्रा में होता है जिससे कि रेल्वे को काफी रेवेन्यू प्राप्त हो सकती है एवं अहमदाबाद, बड़ौदा, सूरत, मुम्बई जाने वाले व्यक्तियों के लिये काफी सुविधा हो सकेगी। साथ ही उदयपुर-अहमदाबाद मीटरगेज लाइन पर उदयपुर-बांसवाड़ा स्टेट हाइवे स्थित रेल फाटक पर ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाए।
रेल सेवाओं में विस्तार हेतु प्रस्ताव
उदयपुर-खजुराहो एक्सप्रेस (19665-19666) वर्तमान में उदयपर से रात्रि 10.20 पर प्रस्थान करती है तथा सुबह 6.00 बजे जयपुर पहुंचती है। जयपुर से दिल्ली के लिये सुबह 6.00 बजे डबल डेकर गाडी प्रस्थान करती है। उदयपुर-खजुराहो एक्सप्रेस प्रस्थान का समय रात्रि 9.45 मिनट पर कर दिया जाएं, तो यह गाडी जयपुर प्रातः 5.45 बजे पहुंच जाएगी। जिससे उदयपुर, चित्तौड़, भीलवाड़ा, अजमेर से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को जयपुर-दिल्ली डबल डेकर में यात्रा करने की सुविधा मिल सकेगी।
उदयपुर-न्यू जलपायीगुडी एवं उदयपुर-शालीमार एक्सप्रेस साप्ताहिक चलाई जा रही है। सप्ताह में 3 दिन इन गाडियों के रैक उदयपुर में ही खडे़ रहते हैं। 3 दिन रैक की उपलब्धता को देखते हुए उदयपुर-जोधपुर इंटरसिटी का संचालन किया जा सकता है। उदयपुर से गाडी़ सुबह प्रस्थान कर चन्देरिया बाईपास-भीलवाड़ा- विजयनगर-आदर्शनगर (अजमेर) बाईपास-मारवाड़ जंक्शन होते हुए जोधपुर 10 घण्टों में पहुंच सकती है। तीन दिन रैक भी उपलब्ध है। उदयपुर-मारवाड़ जंक्शन ब्रॉडगेज आमान परिवर्तन की मांग भी लम्बे समय से बनी आ रही है। इस रूट पर वर्तमान में कोई भी यात्री गाडी़ संचालित नहीं है। इससे उदयपुर का पश्चिमी राजस्थान से सीधा रेल सम्पर्क स्थापित हो जाएगा।