निरंतर बढ़ रही है जलकुंभी
उदयपुर। रंगसागर व कुम्हारिया तालाब में तापक्रम परिवर्तन के साथ ही जलकुम्भी एवं जलीय खरपतवार की मात्रा में बढ़ोतरी हो रही है, ऐसे में डिविडिंग मशीन का सही उपयोग इस क्षेत्र में होना चाहिए। साथ ही यह भी विचारणीय है कि मशीन के आने के बाद झीलो में सफाई के लिए पूर्व में काम कर रहे ठेकेदार की कितनी जरूरत रह जाती है तथा मशीन पिछोला के शहरी आबादी से घिरे इलाकों में कितनी उपयोगिता रखती है।
ये विचार झील संरक्षण समिति, चांदपोल नागरिक समिति, झील हितैषी नागरिक मंच व डॉ. मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित संवाद में उभरे। संवाद में अफ़सोस जताया गया कि आठ वर्षों से पिछोला फतहसागर लिंक नहर में पड़े इक्कीस पाइप बारम्बार कहने के उपरांत भी प्रशासन ने नहीं हटवाये हैं। संवाद से पूर्व आयोजित अम्बापोल रंग सागर के किनारे से जलकुम्भी व झील से अन्य सामग्री दो नौकाओं के सहारे तेजशंकर पालीवाल, हाजी सरदार मोहम्मद, सोहनलाल कल्याण, नूर मोहम्मद, प्रताप सिंह, नलिन पुरोहित, अनिल मेहता एवं नंद किशोर शर्मा ने निकाली। इस अवसर पर नागरिको से पुनः अपील की गई कि झीलें शहर की शान एवं धरोहर हैं, इन्हें कचरा पात्र ना बनाये। झीलों में कचरा न फेके तथा वाहनो की धुलाई झील में नहीं करे। प्रशासन से भी आग्रह किया गया कि झील किनारे सफाई व कचरा नियमित रूप से उठा लिया जाए।