तीन दिवसीय 52 वां महाराणा कुंभा समारोह सम्पन्न
उदयपुर। महाराणा कुंभा संगीत परिषद की ओर से आयोजित तीन दिवसीय कुंभा समारोह के तीसरे और अंतिम दिन प्रथम दौर में सितार वादक उस्ताद निशात खां ने सितार के तारों की झंकार पर धमक जो छेड़ी, उसे जनता ने भरपूर सराहा।
उस्ताद निशात खां ने आज सितार पर ऊंगलियों का जो जादू चलाकर राग मारवा के 6 सुरों से की ऐसी तान छेड़ी की श्रोता अभिभूत हो गये। उस्ताद ने राग मारवा की जो सुगध फैलायी उसे सुन श्रोता उसी में खो गये। गौरीपुर घराने के उस्ताद निशात खां ने राग मारवा से अपनी प्रस्तुति प्रारंभ की और शास्त्रीय संगीत के मधुर सुर सितार से कब निकले स्वंय उस्ताद को ही पता नहीं चना। बकौल निशात खां राग मारवा जब बजाता हूं तो मुझे भी नहीं मालूम कि मैं किस अलाप में क्या बजाता चला जाता हूं। यह माहौल पर निर्भर करता है।
सांयकालीन इस राग का प्रभाव सितार झंकार छेड़ते ही बनने लगा। रागालाप में मारवा की गंभीरता व उदासी के साथ ही सितार की झंकार एक अद्भुद संयोग था। आम तौर पर सितार पर इस राग को बजाने से कलाकार कतराते है लेकिन निशात खां के सधे हुए अदंाज ने जैसे राग का अवतरण ही कर दिया। ऐसा लगा कि जैसे सितार गा रही है, बातें कर रही है। आलाप,जोड़,झाला व श्रोताओं की बारम्बार तालियों के बाद जैसे ही तबले पर उस्ताद साबिर खंा ने सगत शुय की ो एक जादुई वातावरण बन गया। उस्ताद साबिर खंा का तबलावादन कतकनीकी दृष्टि से बहुत कठिन होते हुए भी बहुत ही सहज एवं सरल ढंग से उसे बजा कर सभी को अपना मुरीद बना दिया। उस्ताद निशात खां ने द्रुत गत न बजाकर भैरवी धुन छेड़ दी और उसमें कई रागो में धुनों का समावेश कर ऐसी मधुर सृष्टि की तिसे सरसता का निर्झर कहना उचित होगा।
दूसरे दौर में कत्थक नृत्यांगना शोभना नारायणन ने शिव तांडव स्त्रोत, जटाटवी गलक-झलक, से कार्यक्रम की शुरूआत की। शिव तांडव नृत्य में शिव के क्रोध का जिस रूप में वर्णन किया,वह देखते ही बना। तत्पश्चात् पारम्परिक उठान आमद टुकरे के बाद द्रोपदी के चीरहरण, मैथीलीशरण गुप्त की रचना भगवान बुद्ध की पत्नी यशोधरा के बारे में,संचिता अभरोल व कोमल बिस्वाल ने नृत्य के जरीये श्रृगांर रस का वर्णन तथा महेश पंवार, मिन्हास संचिता व कोमल ने नृत्य से तेजस्व के रूप को बखूबी बताया। अंत में कोहम की प्रस्तुति ने सभी श्रोताओं को बांध दिया। तबले पर स्ताद शकील अहमद खंा,पखावज पर महावीर गंगानी, गायन व म्यूजिक मधो प्रसाद, सितार पर पं. विजय शर्मा ने संगत दी तथा तकनीकी सहायक अतुल मिश्रा थे। प्रारम्भ में वेदान्ता ग्रुप के सीईओ अखिलेश जोशी थे जबकि अध्यक्षता पश्चिम क्षेत्र संास्कृतिक केन्द्र के निदेशक शैलेनद्र दशोरा न की। विशिष्ठ अतिथि नगर निकाय विभाग के उपनिदेशक दिनेश कोठारी तथा सिक्योर मीटर के संयुक्त प्रबन्ध निदेशक भगवत बाबेल थे। इस अवसर पर महाराणा कुंभा संगीत परिषद क मानद सचिव डॅा. यशवन्तसिंह कोठारी ने अतिथियों का स्वागत किया।