यूआईटी की मिलीभगत से निर्माण का आरोप
उदयपुर। केशव नगर में बन रहे आवासीय कॉम्प्लेक्स के आगे स्थित भैरूजी के देवरे को यूआईटी द्वारा हटाने से भक्ती आक्रोशित हैं। उनका आरोप है कि यूआईटी ने बिल्डरों के कॉम्प्लेक्स को रोड पर लाने के लिए वर्षों पुराना चबूतरा तोड़ दिया।
केशवनगर स्थित रंगोड़िया भैरूजी का चबूतरा चबूतरा पहले भी तोड़ा जा चुका है जिसके खिलाफ परिवादी पुजारी अश्विनी कुमार ने सुखेर थाने में परिवाद दे रखा है। उन्होंिने बताया कि 29 जनवरी को भी बिल्डर द्वारा जेसीबी से चबूतरा तोड़ा गया था जिसके लिए बिल्डर व मुख्य पुजारी को सुखेर थाना पुलिस ने पाबन्द कर किसी भी प्रकार का कोई निर्माण न करने की हिदायत दी। इसके बावजूद भी यूआईटी को मोहरा बनाकर चबूतरा तोड़ दिया गया। फिर से चबूतरा तोड़ने पर वहां लोग इकट्ठा हो गए और यूआईटी अधिकारी को बुलाने की मांग पर अड़ गए। इस पर यूआईटी से चतरसिंह चौहान मौके पर पहुंचे। लोगों के पूछने पर चौहान पूरे मामले से अनभिज्ञ दिखे व उनसे नाला निर्माण के कार्यादेश मांगने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। पूर्व में परिवादी ने जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दिया था पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। मुख्य पुजारी ने बताया कि जो निर्माणाधीन कॉम्पलेक्स है वह 30 फीट रोड़ पर है और नियमानुसार 10 मंजिला भवन की अनुमति 30 फीट रोड़ पर नहीं दी जा सकती। आक्रोशित लोगों ने यूआईटी, जिला प्रशासन व बिल्डर की आपस में सांठगांठ होने का आरोप लगाया व चेतावनी दी कि लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ सहन नहीं किया जाएगा व इस संबंध में अतिशीघ्र कार्यवाही नहीं की जाती है तो जन-आंदोलन किया जाएगा।
उधर यूआईटी सूत्रों के अनुसार पूर्व में भैरूजी का देवरा बहुत छोटा था जिसे क्रमिक रूप से बढ़ाते बढ़ाते रोड तक चबूतरे का रूप दे दिया गया। इससे आवागमन में काफी परेशानी हो रही थी। साथ ही गंदे पानी की निकासी के लिए नाला बनाना काफी आवश्य क हो गया था।