सफाईकर्मियों पर भर्ती प्रक्रिया पर रोक से संघ नाराज, पुतले फूंक किया प्रदर्शन
उदयपुर। नगर निगम में अठारह साल बाद हो रही सफाई कर्मचारियों की भर्ती पर रोक के लिए राजस्थान सफाई कर्मचारी संघ ने हेला नवयुवक मण्डल के अध्यक्ष, वाल्मीकि विकास संस्थान तथा माकपा पार्षद को जिम्मेदार ठहराते हुए विरोध प्रदर्शन करते हुए पुतले फूंके।
अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया गया कि तीन दिन में भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की तो जंगी आंदोलन चलाया जाएगा। सफाईकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक से प्रदर्शनकारियों में भारी आक्रोश था। उन्होंने कहा कि उक्त तीनों नेताओं ने बाधा डालकर सफाईकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया रूकवा दी, जबकि 18 साल बाद निगम में 1054 सफाईकर्मियों की भर्ती की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता से की जा रही थी। इनमें से 96 विधवा व परित्यक्ता ने पदभार ग्रहण कर लिया, जबकि महिला आवेदकों को नियुक्ति दी जानी है। महज पुरूषों के साक्षात्कार ही बाकी है।
संघ के नगर अध्यक्ष मदनलाल केसरिया ने कहा कि ईमानदारी से चल रही भर्ती प्रक्रिया के बावजूद दी जाती है तो संघ आंदोलन करने को तैयार है। इधर, संघ के संभागीय अध्यक्ष मुरली मनोहर बंधु ने कहा कि वाल्मीकी समाज, हेला व भिश्ती समाज ने स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक सीएस बेनीवाल से मांग की है कि भर्ती प्रक्रिया पर रोक हटाकर जल्द से जल्द भर्ती शुरू की जाए। प्रदर्शनकारियों ने बोर्ड बैठक में माकपा पार्षद राजेश सिंघवी के दो लाख रुपए लेकर भर्ती कराए जाने के आरोप को लेकर कहा कि स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने पुरजोर विरोध करते हुए इसे झूठा तथा मनगढ़ंत आरोप बताया। उन्होंने पार्षद सिंघवी के लगाए आरोप को लेकर उन पर दरिद्र मानसिकता का प्रतीक बताया। प्रदर्शनकारियों में मदन खेराडिय़ा, रमेश चौहान, रशीद नेता, सत्यप्रकाश आदिवाल, पार्षद काजल आदिवाल सहित करीब एक हजार से ज्यादा महिला एवं पुरुष शामिल थे।
विरोध प्रदर्शन भाजपा प्रायोजित
उधर माकपा पार्षद राजेश सिंघवी ने नगर निगम उदयपुर पर मंगलवार को हुए विरोध प्रदर्शन को भाजपा बोर्ड द्वारा प्रायोजित बताया। सिंघवी ने कहा कि पिछले तीन बोर्ड से वे ही सबसे ज्यादा सफाई कर्मचारियों की भर्ती की मांग को उठाते रहे हैं और उनकी कभी भी ये मंशा नहीं रही कि सफाई कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगाई जाए। उन्होंने बताया कि 12 फरवरी 2014 को स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक सी. एस. बेनीवाल को भेजे ज्ञापन में भी उन्होंने सफाई कर्मचारी भर्ती पर रोक लगाने जैसी कोई मांग नहीं की थी। सिंघवी ने कहा कि उनकी यह मांग रही कि सफाई कर्मचारी भर्ती में पारदर्शिता और निष्पक्षता रहे व भ्रष्टाचार ना हो, इसलिए उन्होंने लॉटरी प्रक्रिया से भर्ती की मांग की है। उन्होंने कहा कि साक्षात्कार से सफाई कर्मचारी की भर्ती के मापदण्ड क्या है? क्या साक्षात्कार में हाड मांस मापा जाता है? स्पष्ट है कि साक्षात्कार के नाम पर भाजपा बोर्ड अपनी मनमर्जी चलाता, इसलिए ही स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक ने की जा रही भर्ती की जांच के बारे में लिखा है। सिंघवी ने कहा कि मात्र जांच के नाम पर ही इस तरह की बौखलाहट से स्पष्ट है कि दाल में कुछ काला है।
सिंघवी ने कहा कि अगर वे सफाई कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगवाना चाहते तो वे न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर सकते थे और न्यायालय से भर्ती पर रोक लगने की पूर्ण संभावना थी, क्योंकि जो कथित कमेटी साक्षात्कार (मात्र दस्तावेजों की जांच को साक्षात्कार कहा जा रहा है) ले रही है, वह कमेटी राज्य सरकार द्वारा अभी तक अनुमोदित भी नहीं की गई है। सिंघवी ने कहा कि भाजपा बोर्ड दो वर्ष से सफाई कर्मचारियों की भर्ती करने में असफल रहा है क्योंकि दरअसल भाजपा बोर्ड सफाई कर्मचारियों की भर्ती करना ही नहीं चाहता है और अपनी असफलता एवं अमर्णयता का ठीकरा दूसरों पर फोड़ जनता को गुमराह करना चाहता है।