कैलाशपुरी में एकलिंगनाथ के होंगे 52 रूद्राभिषेक
उदयपुर। गुरूवार को महाशिवरात्रि पर्व शिवालयों में हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। हालांकि तैयारियां कई दिन से चल रही हैं लेकिन बुधवार को तैयारियां अंतिम चरण में रहीं। शिव मंदिरों को फर्रियों, लाइटों से सजाया गया है। उधर प्रतिवर्ष की भांति शिवदल की ओर से बारह ज्योतिर्लिंगों को शामिल किए शोभायात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा में सबसे आगे हाथी, घोडे़ चल रहे थे। दोपहर 12.15 बजे टाउनहॉल से शोभायात्रा रवाना होने से पूर्व पहलवानों ने करतब भी दिखाए। रैली में शिव दल के संरक्षक घनश्यामसिंह कृष्णावत जीप में बैठे थे वहीं संरक्षक मनोज मेहता एवं अध्यक्ष मनीष मेहता रैली की अगुवाई कर रहे थे। फिर वहां से निकली शोभायात्रा बापू बाजार, सूरजपोल, झीनीरेत, मंडी, अश्विनी बाजार, देहलीगेट होते हुए वापस टाउनहॉल पहुंची जहां धर्मसभा हुई। धर्मसभा को साधु संतों सहित अन्यए गणमान्य ने संबोधित किया। इसके बाद महाप्रसादी का आयोजन भी हुआ।
शिव मंदिरों में गुरुवार सुबह से भक्तों् की कतार रहेगी। कैलाशपुरी स्थित मंदिर एकलिंगजी में महाशिवरात्रि का महोत्सव रात्रि 10 बजे से मनाया जाएगा। शिवरात्रि को त्रिकाल पूजा सामान्य दिनों की तरह ही होगी।
ट्रस्ट के अनुसार महाशिवरात्रि की विशेष पूजा गुरूवार रात 10 बजे से आरंभ होगी जो चार प्रहर तक निरंतर चलती रहेगी और दूसरे दिन शुक्रवार प्रात: 11.30 से 12.00 बजे के बीच पूर्ण होगी। चारों प्रहर की पूजा में विशेष श्रृंगार किया जाएगा। विशेष पंचामृत धारण होगा।
52 रूद्राभिषेक : महाशिवरात्रि पर चारों प्रहर की पूजा में प्रत्येक प्रहर में 13 रूद्रीपाठ होंगे। प्रत्येक प्रहर में सवा नौ किलो, प्रत्येक दूध, दही, घी, शहद एवं शक्कर से पंचामृत श्री एकलिंगनाथ को धारण कराया जाएगा। इस प्रकार कुल सवा 46 किलो की मात्रा में पंचामृत की सामग्री एक प्रहर में चढ़ाई जाएगी एवं 52 रूद्राभिषेक होंगे। महाशिवरात्रि पर पैलेस बैण्ड सेवा में चारों प्रहर बजेगा। महाशिवरात्रि पर चारों प्रहर की पूजा में दर्शन गुरूवार रात्रि 10 बजे से दूसरे दिन शुक्रवार अपरान्ह तक निरंतर खुले रहेंगे, क्योंकि महाशिवरात्रि की पूजा निरंतर चलती रहती है। दर्शनार्थी शुक्रवार सुबह 11.30 बजे तक महाशिवरात्रि के दर्शन लाभ ले सकेंगे, इसके बाद नियमित त्रिकाल पूजा आरंभ होगी जिसके चलते सामान्य दर्शन पुन: शुक्रवार रात्रि 8 बजे तक लगातार खुले रहेंगे।