उदयपुर। प्राकृतिक चिकित्सा रंगों के अनुसार कार्य करते हुए रोगी के ग्रहों की दिशा भी बदलने में सक्षम है। यह चिकित्सा सहज, सुलभ एवं वैज्ञानिक कसौटी पर खरी उतरती है। प्राकृतिक चिकित्सा में कोई भी रोग असाध्य नहीं है।
उक्त बात आज रोटरी क्लब उदयपुर व कंचन सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में रोटरी बजाज भवन में आज से प्रारम्भ हुए तीन दिवसीय निशुल्क प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में बोलते हुए कंचन सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. छैल बिहारी शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप में लिगामेन्ट का कमजोर होना, ग्रीस का सूख जाना, डाबिटीज होना, शरीर का मोटा व थुलथुल होना आदि रोगों का भी ईलाज इसमे संंभव है। वृहस्पति ग्रह का रंग पीला, बुध का नीला तथा शनि का काला रंग प्रधान होता है और प्राकृतिक चिकित्सा में इन रंगों के फलों, व सब्जियों का सेवन करने से निश्चित रूप से रोगी के ग्रहों की दशा बदलती है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भ्रष्टाचार निवारण विभाग के पुलिस उपाधीक्षक उमेश ओझा ने कहा कि नियमित दिनचर्या से प्राकृतिक चिकित्सा में रोगों का ईलाज संभव है। समारोह को विशिष्ठ अतिथि समाजसेवी किरणमल सावनसुखा,रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3052 के वर्ष 2016-17 के प्रान्तपालरमेश चौधरी व सत्यनारायण माहेश्वरी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कंचन सेवा संस्थान के मार्गदर्शक जीवनसिंह मेहता ने संस्थान के कार्यों पर प्रकाश डाला।
क्लब अध्यक्ष बी. एल. मेहता ने बताया कि शिविर के प्रथम दिन 104 मरीजों ने प्राकृतिक चिकित्सा के तहत कमर दर्द, घुटने का दर्द एवं सभी रोगों को (डायबिटीज, मोटापा, थायराईड, प्रोस्टेट, अनिद्रा, गैस, एसिडिटी जैसे घातक एवं खतरनाक रोगों का नि:शुल्क ईलाज का लाभ लिया। इस अवसर पर सचिव सुरेन्द्र जैन, सहाक प्रान्तपाल नक्षत्र तलेसरा, पी.एल. पुजारी, यू.एस.चौहान, एम.सी.सिंघवी, वीरेन्द्र सिरोया, तेजसिंह मोदी, गजेन्द्र जोधावत, अध्यक्ष निर्वाचित डॅा. बी.एल. सिरोया, सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे। अंत में पूर्व प्रान्तपाल डॅा. यशवन्तसिंह कोठारी ने धन्यवाद दिया।
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