उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से प्रत्येक माह होने वाला ‘रंगशाला’ में इस बार नाटक ‘इस मंझधार में‘ का मंचन होगा। नाटक लखनऊ के आनंद प्रहलाद कुमार द्वारा लिखित व निर्देशित है।
केन्द्र निदेशक शैलेन्द्र दशौरा ने नाटक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प0क्षे0सां0केन्द्र की ओर से रंगकर्मियों को प्रोत्साहन के साथ-साथ मंच प्रदान करने के ध्येय से ‘‘रंगशाला’’ के अन्तर्गत हर महिने के प्रथम रविवार को विभिन्न घटनाओं पर आधारित नाटको का मंचन किया जाता है।
नाट्य कथा के अनुसार बड़ा भाई अमजद छोटा भाई मजीद इनकी एक विधवा माँ और घर में रहने वाली एक नौकरानी असगरी, इन पांच का एक छोटा सा परिवार। बड़े भाई अमजद की शादी सईदा से होती है लेकिन दुर्भाग्य से शादी से घर वापस लौटते वक्त एक कार दुर्घटना में अमजद के दौनों पैर बेकार हो जाते है और वह व्हील चेयर का मोहताज हो जाता है। डाक्टरों का कहना है कि स्थितियों को देखते हुए उसके पैर अब कभी भी ठीक नहीं हो सकते और वह खुद भी सिर्फ एक साल ही जीवित रह सकेगा। इसके साथ ही सईदा-मजीद-अमजद और असगरी के बीच सम्बन्धों और अर्न्तसम्बन्धों का एक अनौपचारिक विश्लेषण और इन रिश्तों की परिणति इस नाटक की कथावस्तु है।