बहन को भगाने पर भाई ने पति व साथियों के साथ मिलकर प्रेमी की हत्या
उदयपुर। डबोक थाना पुलिस ने गुड़ली औद्योगिक क्षेत्र में साल की शुरूआत में हत्या कर जमीन में गाड़ने के चर्चित मामले का राजफाश कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। दो जनवरी को गुड़ली औद्योगिक क्षेत्र के सोलंकियों के बाड़े की सरहद में एक व्यक्ति की लाश जमीन में गड़े होने की सूचना पुलिस को मिली थी।
इस पर डबोक थानाधिकारी जीतेंद्ग आंचालिया व वल्लभनगर सीओ पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। घटनास्थल पर एक व्यक्ति का शव जमीन में गड़ा मिला, जिसका बायां पैर जानवरों द्बारा नोचा हुआ था। इस पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।
उसकी शिनाख्त एवं हत्या का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस टीमें बनाकर धौलपुर, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश भेजी गई। साथ ही आसपास की फैक्ट्रियों के मिसिंग वर्कर, चौकीदार, कारीगर, मजदूरों की तलाश की। मृतक के हाथ पर मोर का टेटू गुदा था। उसकी पहचान पड़ोई निवासी लाखन पिता महादेव लोधी के रूप में हुई।
जांच में पता चला कि लाखन अपने घर के सामने रहने वाली शीलू पत्नी कल्लूा मास्टर लोधी राजपूत को भगाकर काम की तलाश में गुड़ली आ गया था। यहां ठेकेदार लच्छीराम तेली ने सरला मिनल्स एवं वक्रतुंड फार्मास्यू टिकल्स के निर्माण कार्य का पेटी कोन्टेक्ट हटवाकर छतरपुर मध्यप्रदेश निवासी रामरतन प्रजापति को दे रखा था। इसके साथ उसका भांजा रणजीत तथा रिश्तेदार गोविन्दा, शिवनारायण एवं अन्य लोग काम करते थे। पड़ोसी होने के कारण लाखन व शीलू को भी रामरतन ने अपने यहां काम पर रख लिया था। रामरतन व उसके साथियों को पता चला कि लाखन किसी और की औरत (शीलू) को अपने साथ भगाकर लाया है तो रणजीत, शिवनारायण, गोविन्दा आदि शीलू पर बुरी नजर रखने लगे एवं तीन-चार बार शराब पीकर शीलू के पास जाने का प्रयास किया। इसका लाखन व शीलू ने विरोध किया। इस कारण इनके मध्य झगडा़ भी हुआ। तब सभी अभियुक्तों ने मिलकर लाखन व शीलू को पकड़वाने की सोची। 21 दिसम्बर 2013 को रणजीत ने चुपके से शीलू के मोबाइल से उसके पति कल्लू मास्टर को फोन कर शीलू एवं लाखन के बारे में बता दिया था। इस पर शीलू के पति कल्लू मास्टर ने शीलू के भाई देवपुरवा निवासी मेवालाल पिता गयाचरण से मिलकर उसकी बहन (शीलू) के बारे में पूरी जानकारी दी तथा लाखन को सबक सिखाने की ठान ली। दो दिन बाद शीलू का भाई दो साथियों के साथ उदयपुर आया। यहां बस स्टैण्ड पर रणजीत, शिवनारायण उसे लेने आए। दिन भर सभी अभियुक्त साथ रहे एवं लाखन की हत्या की योजना बनाते रहे। मेवालाल ने शराब व मुर्गे खरीदकर रामरतन को दिए। उसके बाद रात्रि को फैक्ट्री के अन्दर रामरतन, गोविन्दा व शिवनारायण ने लाखन को बुलाया। उसे जमकर शराब पिलाई। अधिक शराब पीने की वजह से वह उल्टी करने लगा तथा वहां से अपनी कोटड़ी में शीलू के पास जाकर सो गया। आधी रात को शीलू के भाई सहित सभी अभियुक्त लाखन के कमरे में आए। उनमें एक आरोपी शीलू को पकड़कर फैक्ट्री के बाहर ले गया जबकि अन्य ने रस्सी से लाखन का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। बाद में वे उसे एक किलोमीटर तक घसीटकर नहर के पास जंगल में ले गए। चाकू से उसका चेहरा खराब कर दिया ताकि कोई उसे पहचान नहीं सके। इसके बाद कपड़े उतारकर उसका शव गाड़ दिया। शव की खुदाई के दौरान पुलिस ने चाकू व रस्सी बरामद कर ली थी।
वारदात के बाद अभियुक्त लाखन के कपड़े नदी में फेंककर निकल गए। मेवालाल अपने दो साथियों सहित बहन शीलू को लेकर गांव चला गया जबकि रामरतन एवं उसके साथी भी अपना सामान बांधकर फरार हो गए। लाखन की शिनाख्त होने पर पुलिस शीलू तक पहुंची और उससे पूछताछ की तो शीलू ने लाखन की हत्या की अधूरी कहानी बताई तथा अपने भाई मेवाराम के लाखन की हत्या में शामिल होने की बात छुपा ली जबकि रामरतन एवं उसके साथियों के बारे में लाखन की हत्या करना बता दिया। पुलिस ने गाजियाबाद से करहरी ए नोएडा से अभियुक्त गोविन्दा पिता दुर्जन, दिल्ली रणजीत पिता जगमोहन हरवा मध्य प्रदेश से रामरतन को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने लाखन की हत्या की सारी कहानी उगल दी। इस मामले में अभियुक्त शिवनारायण एवं शीलू के भाई मेवालाल एवं उसके साथियों के अलावा शीलू के पति कल्लूत मास्टर की तलाश व गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।