हिंद जिंक के सीईओ जोशी सहित कई खननविज्ञों का सम्मान
खनन उद्योग की समस्याएं एवं तकनीकी विकास पर सेमिनार
उदयपुर। आज देश में 60 हजार से अधिक माइनिंग लीज पर निर्णय अब तक अटका है। इस कारण भारत का खनन विकास द्रुत गति से नहीं हो पा रहा है।
ये विचार माइनिंग एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ए. के बागची ने आज प्रोद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय में खनन उद्योग की समस्या एं एवं तकनीकी विकास विषयक सेमीनार के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किए। बागची ने खनन उद्योग की ढेरों समस्याओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि सरकार, खनन कम्पनीयों एवं स्थानीय लोगों में समन्वय की कमी से ये समस्याएं बनी हुई है। सही समन्यव से इन समस्याओं को हल किया जा सकता है।
दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वाविद्यालय के कुलपति मुख्य अतिथि ओ. पी. गिल ने बताया कि जो समस्या की जड़ में जाकर पता लगा सकता है वही समस्या का हल भी निकाल सकता है। गिल ने कहा कि पिछले कुछ अरसे से राजस्थान में रेती खनन की भारी समस्या के कारण आम जनता को भारी तकलीफ हो रही है। ऐसे में यदि नियमों में परिवर्तन करने पड़ें तो करें। उन्होंने कहा कि खनिज की उपलब्धता प्रकृति प्रदत्त है। वह जहां है, वहीं रहेगा। यदि खान क्षेत्र जनजाति क्षेत्र, हरित क्षेत्र या वन क्षेत्र मे है तो ऐसे नियम हों कि उनका खनन बाधित न हों, हां यह ध्यान रहे कि मानव सुरक्षा व पर्यावरण को क्षति न हों।
इससे पूर्व माईनिंग एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के राजस्थान चेप्टर के चेयरमैन अखिलेश जोशी ने अतिथियों व प्रतिभागियों का शहर में आने का हार्दिक स्वागत किया। माइनिंग एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के सचिव डी. एस. मारू ने बताया कि गत वर्ष 2838 करोड़ रुपए की आय राज्य सरकार को खनन उद्योग से हुई है। अगले वर्ष का लक्ष्य 3200 करोड़ रू का है। उन्होंने बताया पर्यावरण मित्रवत खनन डम्पिंग की समस्याओं का निराकरण इत्यादि पर कार्य चल रहा है।
इनका हुआ सम्मासन : भारतीय खनन उद्योग क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए हिंदुस्तासन जिंक लिमिटेड के सीईओ अखिलेश जोशी, वोलकेम इण्डिया के अरविन्द सिघंल, आर. के. मार्बल्स के चेयरमैन विमल पाटनी, गोलछा उद्योग के विक्रम गोलछा, जे. के. सिमेन्ट, निम्बाहेड़ा के सलाहकार पी. सी. धारीवाल, हिन्दुस्तान जिंक के कार्यकारी निदेशक ए. के. अग्रवाल, खान एवं भू-विज्ञान विभाग के पूर्व निदेशक ए. के. कोठारी एवं डी. एस. मारू का अभिनन्दन कर प्रशस्ति पत्र भेंट किए गए।
विशिष्ट अतिथि खान सुरक्षा के उपमहानिदेशक बी. पी. आहूजा ने बताया कि खनिज हमेशा उपलब्ध रहने वाली सम्पदा नहीं है अतः भविष्य के लिए भी इन्हें संरक्षित रखते हुए सुरक्षा को ध्यान में रखकर, कम ऊर्जा खर्च कर अधिक उत्पादन की आवश्य कता है। खनन उद्योगपति घनश्याकम सिंह कृष्णावत व मांगी लाल लुणावत ने खनन उद्योग में आ रही समस्याओं से अवगत कराते हुए कहा कि खनन अभियंताओं के इस महाकुम्भ में खनन उद्योग के विकास में अवेराध बनने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए नियमों में सरलीकरण हेतु सरकार को ठोस अनुशंसाएं अवश्य भेजी जाएं।
उदघाटन सत्र में प्रो. टी. आई. खान ने खान स्वीकृति हेतु पर्यावरण स्वीकृति हेतू अपने पत्र वाचन में विस्तृत विवेचन किया। इस अवसर पर माइनिंग एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के पूर्व अध्य क्ष आर. पी. गुप्ता, हिंद जिंक के पूर्व खनन निदेशक एच. वी. पालीवाल, सीटीएई के अधिष्ठांता डॉ. बी. पी. नन्दवाना, पूर्व अधिष्ठा्ता डॉ. सुशील भण्डारी, बी. के. पी. सिन्हा ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया। सेमिनार के प्रथम दिन प्लेनरी सत्र व तकनिकी सत्र प्रथम में कुल मिलाकर 17 शोधपत्रों का वाचन व उन पर विस्तृत चर्चा कि गई। इस अवसर पर सेमिनार की स्मारिका का विमोचन एवं सीडी का विमोचन किया गया। सेमिनार में चीन, आस्ट्रेलिया, कनाडा एवं ईरान के 10 विदेशी प्रतिभागियों तथा भारत के 28 राज्यों से 300 खनन अभियन्ता सम्मिलित हुए। धन्यवाद की रस्म डॉ. एस. एस. राठौड़ आयोजन सचिव ने अदा की। कार्यक्रम संचालन डा. दीपक शर्मा ने किया।