दो दिवसीय ज्योतिष वास्तु महासम्मेलन 2014 का समापन
उदयपुर। शहर में एस्ट्रोलोजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के तत्वावधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष वास्तु् महासम्मेलन में दूसरे व अंतिम दिन खगोल विज्ञान छाया रहा। बाहर से आए ज्योतिषियों ने अपनी अपनी विधा में अपने अपने तर्क दिए। लोकसभा चुनाव में मोदी, केजरीवाल आदि के प्रभाव भी बताए।
सम्मेलन में सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आर. पी. शर्मा ने खगोल विज्ञान के प्रभाव बताए। उन्होंने कहा कि लोकाचार से आगे निकलकर परंपराओं का ग्रहों के साथ तालमेल बिठाने की जरूरत है। हालांकि मकर संक्रांति 22 दिसंबर को हो जाती है लेकिन फिर भी हम 14 जनवरी को ही मनाते हैं। ग्रहों के साथ तालमेल बिठाकर हमें स्वयं को बदलना होगा। ग्रहों की स्थितियां बदलने के कारण हम त्योहार प्रतिवर्ष आगे पीछे मनाते हैं? हमारा ज्योतिष सूर्य आधारित है। उन्होंने पंचांग सुधार के बारे में भी उल्लेखनीय जानकारी दी।
इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष पं. सुरेश शर्मा ने कहा कि पितरों की पूजा वर्षों से हम करते आ रहे हैं लेकिन आज के युग में अधिकांश कुण्डलियों में पितृ दोष है? क्योंकि हम धीरे धीरे पूजा पद्धति से दूर हो रहे हैं। पहले पितरों की नित्य पूजा होती थी लेकिन अब कर्मों का लोप कर दिया है। उदाहरण के लिए इसे ऐसे समझें कि अगर आप पर बैंक का कर्ज है तो उसे नियत किश्त में चुकाया जा सकता है। ठीक उसी प्रकार दोष के लिए नियत किश्त में पूजा करनी होगी। एक भी किश्त चूके तो डिफाल्टर हो जाते हैं।
देवास से आए विनोद जोशी ने सामने बैठे व्यक्ति को यह बता दिया कि वह क्या प्रश्न पूछने वाला है? इस विद्या के बारे में उन्होंने बताया कि जब प्रश्न पैदा होता है तब शासक ग्रह के साथ चार स्तरों पर जाकर यह पता लगाया जाता है कि उसका समाधान क्या हो सकता है?
सम्मेलन के सहआयोजक अशोक महाराज ने बताया कि दोपहर में हुए तकनीकी सत्रों में जोधपुर के खींवराज शर्मा ने पाण्डुलिपियों एवं दुर्लभ चित्रों का प्रोजेक्टर के जरिये प्रदर्शन किया जिसे खूब सराहा गया। खंडवा से आए उमेश शास्त्री, हर्षा शास्त्री ने अपनी विशिष्टताएं बताईं वहीं उदयपुर के गौरव शर्मा ने अपनी पेंडूलम पद्धति की जानकारी दी। उदयपुर की ही उत्तरा शर्मा ने लोकसभा चुनाव में मोदी, केजरीवाल और कांग्रेस के प्रभावों की जानकारी दी। केजरीवाल का जन्म वृषभ लग्न में बताते हुए उन्हें जुझारू बताया वहीं नरेन्द्र मोदी का जन्म वृश्चिक लग्न में होने के कारण दोनों को एक-दूसरे का दुश्मन बताया। दिल्ली से आए टैरो काउंसलर कान्हा शर्मा कार्ड से लोगों की समस्याएं आसानी से बता रहे थे वहीं इंदौर के मोहित शर्मा ने भी इसी विधा में विशेषज्ञता जताई। मोहित को 5 वर्ष पूर्व बाल ज्योतिष की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है।
दोपहर बाद बाहर से आए ज्योतिषियों को इंस्टीट्यूट की ओर से स्मृति चिह्न, उपरणा ओढ़ा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। अतिथियों ने पत्रिका प्रचण्ड नक्षत्रिका का विमोचन भी किया।
हस्तरेखा की लैब
ब्यावर से आए दिलीप नाहटा की हस्तरेखा की लैब पर लोगों की खासी भीड़ उमड़ी। उन्होंने बताया कि निजी बैंक की नौकरी छोडक़र वे इस क्षेत्र में उतरे हैं। हस्तरेखा से वे स्वनिर्मित लैब के जरिये व्यक्ति की समस्याएं बताकर उनका समाधान करते हैं।
आकर्षण का केन्द्र बने अद्भुत महाराज
हमेशा श्रीकृष्ण की वेशभूषा में रहने वाले उज्जैन से आए अद्भुत महाराज न सिर्फ अन्य ज्योतिषियों बल्कि दर्शकों-आमजन के भी आकर्षण का केन्द्र बने रहे। वहां पहुंचे आमजनों ने उनके साथ चित्र भी खिंचवाए।