रेलवे ने मना किया ब्रिज पिलर से पाइप लाइन निकालने के लिए
निगम ने वापस लिखा पत्र
उदयपुर। एकलिंगपुरा स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांएट तक जाने वाली हाथीपोल से निकली सीवरेज ट्रंक सीवर सेवाश्रम तक आकर अटक गई है। रेलवे के डिवीजनल इंजीनियर (अजमेर) ने रेलवे बोर्ड की गाइड लाइन का हवाला देते हुए पाइप लाइन रेलवे ब्रिज पिलर से निकालने की अनुमति देने के लिए मना कर दिया है।
महापौर रजनी डांगी ने रेलवे जयपुर के जनरल मैनेजर को लिखे पत्र में बताया कि कुल 8 किमी. लम्बीा पाइप लाइन में से चार किमी. का काम हो चुका है। एनएलसीपी के तहत झीलों के केचमेंट एरिया के आसपास कच्चीे बस्तियों का सीवेज एसटीपी प्लां।ट से जोड़ने के लिए सीवरेज ट्रंक लाइन निकालना आवश्यसक है। एकलिंगपुरा तक जाने का वाया सेवाश्रम ही एकमात्र मार्ग है।
पत्र में महापौर ने बताया कि केचमेन्ट एरिया की बस्तियों का सिवेज हाथीपोल तक लाया जायेगा और यहां से एक ट्रंक लाइन 800 मिलीमीटर से 1400 मिलीमीटर के बीच डाली जाएगी जो देहलीगेट, शक्तिनगर, अशोकनगर से होते हुए नदी के सहारे उक्त पिलर्स के बीच से गुजरती हुई एसटीपी प्लान्ट से जोड़ी जाएगी। यह सम्पूर्ण लाइन आठ किलोमीटर लम्बी होगी जिसमें से लगभग चार किलोमीटर लाइन डाली भी जा चुकी है, लेकिन अब इसका काम लाइन को रेलवे पीलर्स के बीच से निकालने के लिये रेलवे विभाग की स्वीकृति के बिना अटका हुआ है। इस संबंध में राजस्थान उच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देश है कि झीलों को प्रदूषण से बचाने के लिये इनके केचमेन्ट एरिया के सिवेज को ट्रीटमेन्ट प्लान्ट से जोड़ा जाए। महापौर ने पत्र के साथ राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति भी संलग्न की है।