उदयपुर। मौज मस्ती व रंगो का पर्व इस बार कई खुशियों को साथ लेकर आया है। लोगों में पर्व के प्रति उत्साह है तो वहीं दूसरी और लोगों को 2 दिनों की छुट्टी भी मिल गई है। सरकारी कर्मचारियों की तो बल्ले बल्ले हो गई है। तीन दिन की लगातार छुट्टी के बाद कई कर्मचारियों ने शुक्रवार या मंगलवार की छुट्टी लेकर लगातार चार दिन का अवकाश रखा तो वहीं हाईकोर्ट की तरफ से मंगलवार को छुट्टी घोषित की गई है।
दो दिवसीय रंगोत्सव की शुरूआत रविवार से होगी। पहले दिन शुभ मुहूर्त में होलिका दहन होगा वहीं दूसरे दिन एक दूसरे को रंगबिरगी गुलाल और पक्के कलर से सराबोर कर धूलेंडी धूमधाम से मनाई जाएगी। रंगोत्सव को लेकर बाजारों में खासी त्यौहारी रंगत बिखरी हुई है। बाजारों में सजे अबीर-गुलाल और पिचकारियों की स्टालों पर खासी भीड़ लग रही है वहीं मैदे व आटे के बने व्यं जनों के स्टॉगलों पर भी खासी भीड़ दिख रही है। नवजात शिशुओं के ढूंढोत्सव को लेकर परिजन भी तैयारियों में जुटे हैं।
रविवार को शहर के पारंपरिक होलीथानों के साथ ही गली-मोहल्लों के नुक्कड़ो और चौराहों पर होली का रोपण किया जाएगा। शुभ मुहूर्त में पूजा अर्चना कर होलिका दहन किया जाएगा। होलिका दहन को लेकर गली-मोहल्लों में युवाओं की टोलियां तैयारियों में जुटी है। होली प्रज्जवलन पर श्रद्धालुओं द्बारा नवअंकुरित गेहूं की बालियां और हरे चने सेककर प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा। इसके अलावा पहली होली वाले नवजात शिशुओं को होली के सात फेरे लगवाएं जाएगे। इसके अलावा सूत के धागे को होली के उपर से सात बार निकाला जाएगा। इसी सूत से दशामाता की वेल बनाई जाएगी। होली दहन के साथ ही दशा माताजी की दस कथाओं के श्रवण शुरू हो जाएगा। होली पर घरों में नानाविध मिष्ठान बनाएं जाएंगे।
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शहर के प्रमुख बाजारों के साथ ही गली-मोहल्लों में रंग-बिरंगी गुलाल और पिचकारियों के काउंटर सज गए है तथा बिक्री में भी तेजी आ गई है। इस बार विभिन्न रंगों के साथ ही खुशबू वाली अबीर-गुलाल भी बिक्री के लिए बाजारों में उतारी गई है। बच्चों की मनभावन पिचकारियां भी विभिन्न डिजाइनों में उपलब्ध है। पच्चीस रुपए से लेकर सात सौ रूपए तक की पिचकारियां इस बार बिक्री के लिए आई है। बाजारों में सजे पिचकारियों के काउंटर आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।