मेवाड़ की धरा पर पहली बार आगमन होगा राष्ट्रसंत चंद्राननसागर सूरिश्वर का
उदयपुर। सुरेखा लोढ़ा चेरिटेबल ट्रस्ट एवं प्रहलाद राय-किशनलाल नोलखा के संयुक्त तत्वावधान में चार दिवसीय कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रसंत आचार्य चंद्रानन सागर सूरिश्वर महाराज के भव्य प्रवेश के साथ होगा।
ट्रस्ट संयोजक हस्तीमल लोढ़ा ने बताया कि कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मेवाड़ की धरा पर पहली बार गुरूदेव का आगमन होगा। इस प्रवेश को ऐतिहासिक बनाने के लिए भव्य स्तर पर तैयारियां की जा रही है। आचार्य का प्रवेश 28 मार्च को सुबह 8 बजे थोब की बाड़ी से सूरजपोल स्थित वासूपूज्य जैन धर्मशाला में होगा। 30 मार्च रविवार शाम साढ़े सात बजे से नाकोड़ा पार्श्वू भैरव महाभक्ति कार्यक्रम का टाऊनहॉल प्रांगण में व्यापक स्तर पर आयोजन होगा। इसमें प्रख्यात भजन गायक मुबंई के नरेन्द्र वाणीगोता ‘निराला’ सुरीले स्वर में भैरव भक्ति के भजन प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गुलाबचन्द कटारिया, जिला व सत्र न्यायाधीश मेघना जैन, जिला प्रमुख मधु मेहता, महापौर रजनी डांगी, महावीर युवा मंच के संरक्षक राजकुमार फत्तावत, उद्यमी एवं समाजसेवी ओमप्रकाश मेहता तथा भीण्डर पंचायत समिति प्रधान चमनशेखर सुथार होंगे।
नाकोड़ा धाम मुबंई के ट्रस्टी प्रहलाद राय नोलखा ने बताया कि टॉलन हाल परिसर में ही 31 मार्च सोमवार को सुबह साढ़े नौ बजे प्रकट प्रभावी, सुखदायक महामांगलिक सुनाएंगे। इसमें आचार्य चंद्राननसागर सूरिश्वर महाराज सभी का मांगलिक सुनाएंगे।
ट्रस्ट सचिव यशवन्त कोठारी ने बताया कि चन्द्रानन सागर सूरिश्वर महाराज मात्र 10 वर्ष की उम्र में फालना में नित्येादय सागर सूरिश्वर महाराज के शिष्य एवं दर्शनसागर सूरिश्वर महाराज से दीक्षा ग्रहण करने वाले राष्ट्रसंत चन्द्रानन सागर सूरिश्वर महाराज को वर्ष 2012 में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील द्वारा वालकेश्वर राजभवन मुबंई में राष्ट्रसंत की उपाधि से अलंकृत किया। अब तक राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्णाटक, तमिलनाडु सहित अनेक राज्यों में विहार कर धर्म की प्रभावना कर रहे हैं।