वल्लभनगर क्षेत्र के चारों मंडलों की बैठक
उदयपुर। वल्लरभनगर से भाजपा के बागी के रूप में लड़कर विजयी हुए रणधीरसिंह भींडर के पार्टी में शामिल होने की खबरों को लेकर वल्लभनगर भाजपा में बगावत के सुर उभरने लगे हैं। प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि अगर भींडर को पार्टी में शामिल किया गया तो पार्टी के लिए ठीक नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि गत विधानसभा चुनाव में गुलाबचंद कटारिया ने वल्लभनगर से भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार रणधीरसिंह भींडर का टिकट कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए गणपत मेनारिया को दिलवाया था। इसके बाद भींडर ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और भारी मतों से विजयी हुए। जानकारों के अनुसार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्येमंत्री वसुंधरा गुट के माने जाने वाले भींडर को पार्टी में शामिल करने की बातें काफी समय से चल रही थीं। भींडर ने पार्टी में शामिल नहीं करने पर अपनी पत्नीं दीपेन्द्र कंवर को चित्तौड़गढ़ से निर्दलीय चुनाव लड़वाने की चेतावनी भी दी थी लेकिन पार्टी की ओर से उन्हेंप जल्द ही पार्टी में लेने का आश्वासन मिला बताते हैं। इसके बाद उन्होंने चित्तौंड़गढ़ से निर्दलीय लड़ने का फैसला टाल दिया।
उधर भटेवर में शुक्रवार को वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र के चारों मण्डलों की हुई संयुक्त बैठक में सभी मण्डल अध्यक्षों, पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने समाचार पत्रों में निर्दलीय विधायक को पार्टी में लेने की छप रही खबरों का खण्डन करते हुए निराधार बताया। बैठक में प्रस्ताव लिया गया कि रणधीर सिंह, उनकी पत्नी दीपेन्द्र कंवर सहित निष्कासित पार्टी विरोधी कार्य करने वाले सभी व्यक्तियों को पार्टी में सम्मिलित नहीं किया जाए। जो व्यक्ति पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा उस समय पार्टी का खयाल नहीं आया तो अब ऐसी क्या मजबूरी है जो पार्टी में सम्मिलित होना चाहते हैं। जो पहले पार्टी को नहीं हुआ, वह अब कैसे पार्टी का होगा। बैठक में निर्णय किया गया कि रणधीरसिंह व निष्कासित व्यक्तियों को अगर पार्टी में लिया गया तो संगठन उसका विरोध करेगा। पदाधिकारी निष्कासित लोगों को स्वीकार नहीं करेंगे और ऐसा किया गया तो पार्टी के लिए घातक साबित होगा। पत्र में डॉ. गीता पटेल, गणपतलाल मेनारिया, मंडल अध्यक्ष प्रकाश जैन, गिरधारीलाल सोनी, गंगाराम डांगी आदि के हस्तााक्षर हैं।