भैरव भक्ति संध्या के उपलक्ष में आज होगी मेहंदी की रस्म
उदयपुर। राष्ट्रसंत आचार्य चन्द्रानन सागर, पुष्पचंद्र सागर, मननचन्द्र सागर साध्वी कल्पिताश्री तथा साध्वी चारूताश्री का आज थोब की बाड़ी से सुरजपोल स्थित वासूपूज्य जैन धर्मशाला में गाजे-बाजे के साथ मेवाड़ की धरा पर पहली बार भव्य प्रवेश हुआ।
थोब की बाड़ी से संतश्री 9 हाथी,घोड़े, 9 बग्गी व बैण्ड बाजे के साथ डेढ़ हजार से अधिक श्रावक-श्राविकाओं के साथ वासूपूज्य जैन धर्मशाला पहुंचे। बीच मार्ग में अनेक स्थानों पर स्वागत द्वार लगाये गये। महिलाएं कलश लेकर मंगल गीत गाते हुए चल रही थी। जैन धर्मशाला में विभिन्न समाजों की ओर से आचार्यश्री का सार्वजनिक अभिनंनदन किया गया। इस अवसर पर उदयपुर के आसपास के अनेक क्षेत्रों, राजसमन्द, मुबंई सहित अनेक स्थानों से श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थी। जैन धर्मशाला में इस अवसर पर धर्मसभा आयोजित की गई जिसे आचार्य चन्द्रानन सागर ने संबोधित किया।
ट्रस्ट के यशवन्त कोठारी ने बताया कि रविवार को टॉऊनहॉल में आयेाजित होने वाली भैरव भक्ति भजन संध्या के उपलक्ष में शनिवार रात्रि 8 बजे टॉऊनहॉल परिसर में ही मेहंदी की रस्म निभायी जाएगी। शोभायात्रा में ट्रस्ट के संयोजक हस्तीमल लोढ़ा, नाकोड़ा धाम मुबंई के ट्रस्टी प्रहलाद राय नोलखा सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद थे। शनिवार प्रात: आठ बजे संतरी चन्द्रानन सागर सूरिश्वर आदि ठाणा के साथ वासूपूज्य जैन धर्मशाला से मालदास स्ट्रीट स्थित आराधाना भवन में पधारेंगे।