‘ब्होत नाहयो गोपाल’ नामक हास्य नाटक का रोटरी बजाज भवन में मंचन
उदयपुर। जीवन में एक पत्नी की आशाओं एंव आकांक्षाओं को पूरा करते-करते व्यक्ति का जीवन बीत जाता है लेकिन इसके बावजूद वह कभी-कभी अपनी पत्नी की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता है और यदि जीवन में दो पत्िनयां रखने वाला व्यक्ति का जीवन कभी-कभी बहुत संकट खड़े कर देता है और ऊपर से यदि वे पत्िनयां एक ग्रामीण और दूसरी शहरी हो तो तो दोनों की जरूरतों एंव उनकी इच्छाओं की पूर्ति करते-करते व्यक्ति जीवन से ही मुंह मोड़ लेता है।
रोटरी क्लब उदयपुर व गुजरात संगीत नाटक अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में गुजराती हास्य नाटक ‘ब्होत नाहयो गोपाल’ का शनिवार को रोटरी बजाज भवन में मनीष पाठक के नेतृत्व में 20 सदस्यीय गुजराती कलाकारों के एक दल ने मंचन किया तो वहंा उपस्थित दर्शक हंसे बिना नहीं रह सकें। नाटक का कथानक कहता है कि अपनी दोनों शहरी एंव ग्रामीण पत्नियों की जरूरतों को पूरा करते -करते नाटक का मुख्य पात्र गोपाल परेशान हो जाता है और उसकी परेशानियों में दोनों पत्नियों के भाई और उनके पिता गोपाल के लिए अनेक अवसरों पर परेशानियंा पैदा कर जनता को हसंने पर मजबूर करते है।
मनीष पाठक ने बताया कि अहमदाबाद से आयी ओम कम्यूनिकेशन नामक नाट्य कम्पनी द्वारा उक्त नाटक का आज मंचन किया गया। उक्त नाटक गुजरात के रमत,गमत,युवा एंव संास्कृतिक विभाग के सहयोग से तैयार किया गया। इस प्रकार के हास्य नाटक का मंचन विभिन्न राज्यों में करने के पीछे मुख्य उद्देश्य यहीं है कि वहंा के निवासियों को गजराती भाषा एंव वहंा की संस्कृति से अवगत करा सकें। गोपाल का पात्र रौनक व्यास, शहर पत्नी का पात्र शिवानी नायक व ग्रामीण पत्नी का पात्र हेपी भावसार ने निभाया। इनके अलावा वसंत परमार, तपन जानी, जय मेहता, प्रणय मेहता, अंकित वैष्णव, मीत सोनी, राही पण्ड्या, हिरल कडिया ने भी भूमिका निभाई। नाटक के निर्माता मनीष पाठक, लेखक विनोद जानी तथा निर्देशक रागी जानी थे।
इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष बी. एल. मेहता ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से दो भिन्न संस्कृतियों को नजदीक से जानने का अवसर मिलता है। कार्यक्रम संयोजक डी. पी. धाकड़ ने कहा कि कभी-कभी जनता एवं सदस्यों का स्वस्थ मनोरंजन करना भी क्लब का उद्ेश्य रहता है। इस अवसर पर सचिव सुरेन्द्र जैन ने बताया कि 6 अप्रेल को प्रान्तपाल अनिल अग्रवाल क्लब की अधिकारिक यात्रा पर उदयपुर आएंगे।