वरिष्ठ नेता की फटकार के बाद डेमेज कंट्रोल में लगे भाजयुमो अध्यक्ष
चुनाव क्या आए हैं, बवाल मच गया है। कांग्रेस से भाजपा तक और भाजपा से सपा तक..। ये तो ठीक है लेकिन भाजपा में ही उपर से नीचे तक और नीचे से उपर तक भी कम बवाल नहीं है। उपर साबिर अली को भाजपा में शामिल करने को लेकर अफरा तफरी मची है तो भाजपा प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने पर कांग्रेस प्रत्याशी उसी की गलफांस बन गए हैं।
खैर अपने को इन बड़े बडे़ नेताओं से क्या लेना.. हमारा काम तो यहां के निचले स्तर के नेताओं से ही पड़ता है सो अपने को बात भी इन्हीं की करनी चाहिए। भाजपा के एक नेता निचले स्तर यानी अग्रिम संगठन युवा मोर्चा के अध्यक्ष लेकिन काम उन्होंने बडे़-बडे़ नेताओं से भी आगे जाकर कर लिए।
मामला कुछ यूं बताया जाता है कि गत दिनों एक युवती ने मोची समाज के एक युवक से शादी कर ली। युवती के पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बाद में युवती अपने पति के साथ एसपी के समक्ष पेश हुई और उसने स्वयं की इच्छा से पति के साथ जाना बताया। मामले में युवक-युवती को सूरजपोल स्थित डिप्टीी ऑफिस बुलाया गया जहां बयान दर्ज करने के बाद इकाई अध्यक्ष ने मोची समाज की महिलाओं के साथ न सिर्फ अभद्रता की बल्कि गाली गलौज भी की।
इसकी खबर शाम के समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई जिसमें अध्यक्ष का बयान भी शामिल था। इसके बाद अध्यक्ष ने सोशल मीडिया के जरिये फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल पर सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं शीर्षक से एक पत्र टाइप कर लगाया जिस पर उनके चाहने वालों ने उनके इस कृत्य की खूब सराहना की और उनका उत्साहवर्धन किया। मामले ने तूल पकड़ लिया और समग्र मोची समाज में परचे बांटे गए। इसमें आरोप लगाया गया कि अध्यक्ष का यह पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व वाल्मीकि समाज के लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए मारपीट भी की गई थी। एक मकान और दुकान खाली करवाने के मामले में सोनी समाज की महिलाओं के साथ ऐसा ही व्यवहार किया गया और अब मोची समाज।
जानकारों के अनुसार इस सब बवाल के बाद अध्यक्ष को ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने शनिवार सुबह अपने निवास पर बुलाया और जोरदार फटकारा। यही नहीं, चुनाव से भी दूर रहने को कहा। उधर रविवार को टाउनहॉल में जैन मुनि के मीठे प्रवचन के दौरान भाजयुमो अध्य क्ष युवती के माता-पिता के साथ वहां पहुंचे और सभी मीडियाकर्मियों से मिलवाकर कहा कि मैं तो यहां से जा रहा हूं। मेरे बाद आप दोनों माता-पिता सभी मीडियाकर्मियों को बताइये कि सच क्यां है।
शहर भर में मामले की चर्चा है और इससे अधिक चर्चा है अध्यंक्ष के व्ययवहार की। पार्टी के नेता के अलावा ये जैन समाज में शास्त्री की उपाधि इन्हें मिली हुई है और इन सबके बाद ऐसे व्यवहार की चहुंओर कड़ी भर्त्सना की जा रही है।